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सोशल मीडिया का दौर चरम पर है। जो फेसबुक, ट्विटर और ह्वाट्स एप कभी मित्रता और नेटवर्किंग बढ़ाने के साधन समझे जाते थे, वे अब राजनीतिक विचारधारा का टूल बन गए हैं। जिसका सबसे बुरा शिकार हो रहा है इतिहास, जिसकी मर्जी में जो आ रहा है, अपने राजनीतिक फायदे के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़कर उसे गलत मंशा से सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहा है। ऐसे में खासी दिक्कत उस आम आदमी के लिए हो गई है, जिसने यह इतिहास कभी किसी किताब में पढ़ा नहीं, लेकिन प्रतिष्ठित लोग उसे शेयर करें तो उसे सच मान लेता है, वहीं कोई दूसरा प्रतिष्ठित व्यक्ति उसे गलत साबित करता है तो ऐसे में सच क्या है? जरूरी था कि इस दिशा में प्रयास हों और ऐतिहासिक दावों की सच्चाई बताई जा सके। आमतौर पर टीवी के वायरल सच बताने वाले कार्यक्रमों में किसी-न-किसी इतिहासकार के बयान से ही उसे सच या झूठ मान लिया जाता है, जबकि हो सकता है कि वह इतिहासकार खुद किसी विचारधारा का पोषक हो। यह किताब सही संदभों के साथ ऐतिहासिक विवादों की तह में जाकर सच जानने का एक प्रयास है, भले ही छोटा सा है।
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अनुक्रम
भूमिका : इस किताब की जरूरत क्यों? —Pgs. 7
1. क्या वाकई में किसी जाट योद्धा ने कर दिया था मुगल बादशाह अकबर का दाह संस्कार? —Pgs. 15
2. क्यों जोड़ा जाता है नेहरू परिवार का नाम गियासुद्दीन गाजी से? —Pgs. 19
3. भगत सिंह और सावरकर को लेकर सोशल मीडिया में खिंचती रहती हैं तलवारें, जानिए दोनों के रिश्तों का सच —Pgs. 23
4. लंदन के म्यूजियम में शिवाजी के हथियार बघनख की वायरल खबर की पड़ताल...! —Pgs. 30
5. बाजीराव-मस्तानी के बाद क्या हुआ उनके बेटे का? मुसलिम बना या हिंदू मराठा? —Pgs. 34
6. हाँ...है भगत सिंह की फाँसी का वेलेंटाइन डे से नाता! —Pgs. 37
7. क्या बैरकपुर के लिए मंगल पांडे से भी बड़ा नायक है—बिंदी तिवारी, आर्मी मैस से जाता है तीन वक्त का खाना? —Pgs. 42
8. इमरजेंसी को संत विनोबा भावे ने ‘अनुशासन पर्व’ कहा था क्या? —Pgs. 46
9. क्या एयर इंडिया के प्लेन में चीनी पी.एम. के लिए लगा दिया गया था टाइम बम...? —Pgs. 50
10. अपने आखिरी जन्मदिन पर सोने से तुले थे बोस, कहाँ गया बोस का वो खजाना...! —Pgs. 54
11. बोस के खिलाफ चुनाव लड़ने की वजह से इतिहास के विलेन ही बन गए ये गांधीवादी नेता —Pgs. 57
12. जब इंडिया में चे ग्वेरा का पड़ा था गाय और योगा से वास्ता...! —Pgs. 60
13. कहानी इमरजेंसी की चीफ ग्लेमर गर्ल रुखसाना की, संजय गांधी की करीबी थी एक खान हीरो की सास —Pgs. 64
14. कांग्रेस को पहली बार नेहरू-गांधी परिवार ने ही तोड़ा था! —Pgs. 67
15. क्या पं. नेहरू के बाद कांग्रेस पर हावी हो गया था एक ताकतवर सिंडिकेट? इंदिरा को पी.एम. भी बनाया और पार्टी से भी निकाला —Pgs. 71
16. आजादी से पहले इस क्रांतिकारी ने भी लिया था गांधीजी से ‘बम थ्योरी’ को लेकर पंगा —Pgs. 78
17. 26 नवंबर, 1949 के दिन की दिलचस्प कहानी, वंदे मातरम् और हिंदी को लेकर किसने उठाए थे सवाल —Pgs. 84
18. संविधान सभा में डाॅ. अंबेडकर ने जिन्हें ‘सर’ कहकर दिया था धन्यवाद, उन्हें देश ने भुला दिया —Pgs. 89
19. क्या कांग्रेस को खत्म करना ही थी गांधीजी की आखिरी ख्वाहिश? —Pgs. 94
20. अपने रोमांटिक रिश्तों को लेकर काफी बेबाक थे हरिवंश राय बच्चन, खुलकर लिखा था अपने पुराने रोमांटिक रिश्तों के बारे में? —Pgs. 97
21. क्वीन विक्टोरिया के अंतिम संस्कार में शाही परिवार को मजबूरी में इस भारतीय को भी करना पड़ा था शामिल —Pgs. 102
22. जिन्ना का ये राज सबको पता चल जाता तो रुक जाता देश का बँटवारा...! —Pgs. 108
23. क्या वाकई नेहरूजी से उनकी पत्नी थीं नाराज, नेताजी बोस ने करवाया था कमला नेहरू का इलाज? —Pgs. 111
24. दिल्ली में कहाँ दफन होने के लिए दो गज जमीन माँग रहे थे बहादुर शाह जफर? —Pgs. 119
25. जब भारत की पहली मिस इंडिया को मोरारजी देसाई ने करवा दिया था गिरफ्तार...! —Pgs. 122
26. मौर्यों से लेकर यादवों और ठाकरे तक, मुंबई के किंग कौन-कौन? कभी दहेज में भी दिया गया था मुंबई —Pgs. 125
27. दाराशिकोह ही नहीं तमाम मुगल शहजादों का खून उनके अपनों ने ही बहाया था —Pgs. 128
28. जब नेहरूजी की कैबिनेट ने सोमनाथ मंदिर के समारोह में राष्ट्रपति के जाने पर लगा दी थी रोक —Pgs. 133
29. आर.एस.एस. ने सिखाया था अमरीश पुरी को अनुशासन? —Pgs. 137
30. प्लेब्वॉय मैगजीन में पं. नेहरू और पेंट हाउस मैगजीन में राजीव गांधी के इंटरव्यू का वायरल सच —Pgs. 140
31. रानी लक्ष्मीबाई को केवल एक अंग्रेज ने साक्षात् देखा, किताब में की खूबसूरती की तारीफ —Pgs. 146
32. क्या नेहरू के बजाय पटेल को पी.एम. पद के लिए मिले थे ज्यादा वोट, जानिए देश के पहले पी.एम. के लिए गांधीजी के वीटो का सच —Pgs. 150
33. जब आपसी झगड़े में एक पेशवा का हुआ था कत्ल और दूसरे को करने पड़ी आत्महत्या...! —Pgs. 155
34. क्या वाकई में इंदिरा गांधी को जेल से छुड़ाने के लिए हुआ था प्लेन हाईजैक? —Pgs. 158
35. मरने से ठीक पहले अकबर ने चलाया था राम सिया का सिक्का —Pgs. 161
36. जब राष्ट्रपति भवन को खिसकाया गया 400 गज पीछे, दोनों आर्किटेक्ट में था विवाद —Pgs. 165
37. क्या भारत-चीन युद्ध के चलते रतन टाटा रह गए आजीवन कुँवारे? —Pgs. 168
38. सरदार पटेल के इस उम्मीदवार ने हरा दिया नेहरूजी के उम्मीदवार को तो नेहरूजी ने दी थी इस्तीफे की धमकी —Pgs. 171
39. जब अटलजी ने कांग्रेस प्रेसीडेंट को कविता में लिख दिया था ‘चमचों का सरताज’ —Pgs. 174
40. शास्त्रीजी की मौत पर हमेशा उठते रहे सवाल, जानिए आखिर क्या हैं इसकी वजहें? —Pgs. 177
41. अकबर पर फिल्में बनाता है बॉलीवुड, लेकिन महाराणा प्रताप पर नहीं —Pgs. 182
42. आगरा के लाल किले में रखे सोमनाथ मंदिर के दरवाजों का राज! —Pgs. 188
43. स्वामी विवेकानंद थे जमशेदजी टाटा के इन दो बड़े सपनों की प्रेरणा, एक शिप मुलाकात में रच गया इतिहास —Pgs. 191
44. ताजमहल पर बार-बार बवाल क्यों होता है, जानिए क्या है असली वजह —Pgs. 195
45. संविधान में जिसने आदिवासियों को दिलाए अधिकार, उसी ने दिलवाया था भारत को पहला ओलंपिक हॉकी गोल्ड —Pgs. 200
46. महायोगियों की तीन वायरल तसवीरों का सच! —Pgs. 205
47. जानिए आॅपरेशन थिएटर में गांधीजी की वायरल तसवीर की कहानी...! —Pgs. 208
48. जब गोवा में एक भी विधायक के बिना कांग्रेस ने बना ली थी सरकार...! —Pgs. 214
49. गांधीजी की चलती तो भारत के पहले पी.एम. होते मोहम्मद अली जिन्ना —Pgs. 218
50. जब पी.एम. नेहरू के वित्त मंत्री को उनके दामाद के चलते देना पड़ा था इस्तीफा —Pgs. 222
विष्णु शर्मा 20 साल से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्यरत हैं, आईटीवी मीडिया ग्रुप (इंडिया न्यूज- न्यूज एक्स), न्यूज 24 और अमर उजाला जैसे मीडिया संस्थानों में प्रमुख पदों पर दिल्ली और मुम्बई में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। दैनिक जागरण के नियमित कॉलमिस्ट हैं, हर शनिवार को दिल्ली के इतिहास पर उनका कॉलम ‘दौर ए दिल्ली’ प्रकाशित होता है। एबीपी न्यूज चैनल उन्हें 2016 के सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर सम्मान से पुरस्कृत कर चुका है। इतिहास, आरएसएस, बॉलीवुड और व्यंग्य से संबंधित उनके तमाम लेख और वीडियोज साइबर दुनियां के अलग अलग मीडिया संस्थानों के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। विष्णु शर्मा फेसबुक पर इतिहास का एक पेज (https://www.facebook.com/CorrectHistory/) भी संचालित करते हैं, जिसके अभी 85 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। विष्णु शर्मा इतिहास से एम.फिल. हैं और नेट भी क्वालीफाई कर चुके हैं। बीएजी फिल्म्स के बॉलीवुड न्यूज चैनल ई24 की लॉञ्चिंग में उनकी अहम भूमिका रही। वे चिल्ड्रन एनीमेशन फिल्म ‘द फोर्थ ईडियट’ के गाने और डायलॉग्स भी लिख चुके हैं, जिसके सूत्रधार थे ‘थ्री ईडियट’ के चतुर यानी ओमी वैद्या।
इतिहास से जुड़े विषयों पर उनकी दो पुस्तकें ‘इतिहास के 50 वायरल सच’ और ‘गुमनाम नायकों की गौरवशाली गाथाएँ’ प्रकाशित हो चुकी हैं, बच्चों के लिए ‘सुनो बच्चो, सर्जिकल स्ट्राइक की कहानी’ पुस्तक भी लिख चुके हैं। ट्विटर एकाउंट- https://twitter.com/vishuITV