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क्या आप हिंदी सिनेमा और हिंदी फिल्म संगीत से दीवानगी की हद तक प्रेम करते हैं? यदि हाँ, तो यह पुस्तक आपके लिए ही है। इस पुस्तक के 51 अध्याय तीन भागों में विभाजित किए गए हैं। पहले भाग में नब्बे के दशक से पहले की हिंदी फिल्मों के तथ्यों के बारे में विवरण दिया गया है अर्थात् भारत में केबल टीवी क्रांति से पहले। दूसरा भाग दोनों काल के मध्य की कड़ी/लिंक पर आधारित है और तीसरा नब्बे के दशक के बाद की फिल्मों और हमारे वर्तमान सिनेमा पर। पुस्तक के कुछ खास विषय हैं—
** चिरकालिक ‘गाइड’ और इसका अंग्रेजी संस्करण ** ‘डिस्को डांसर’ की अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि के बारे में कुछ अनकहे तथ्य ** 1989 में म्यूजिक एलबम ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ से लिपटा रहस्य ** उत्पल दत्त—जो सिर्फ एक कॉमेडियन नहीं थे ** ‘सिलसिला’ और ‘रब ने बना दी जोड़ी’ को जोड़नेवाला तथ्य ** हिंदी फिल्म संगीत से पहेली-आधारित गीतों की गुम हो चुकी कला।
फिल्मों से अपना रिश्ता एक स्टेज कलाकार/गायक के रूप में शुरू करते हुए, लेखक एक शिक्षाविद्, कवि व ग्राफिक डिजाइनर भी हैं और फिल्म व संगीत के साथ-साथ इन क्षेत्रों में पिछले 25 साल से कार्यरत हैं। एक क्रिएटिव कंसलटेंट (Creative Consultant) के तौर पर कार्य करते हुए वे सिनेमा, संगीत और जीवन पर अपनी वेबसाइट पर नियमित तौर पर लिखते हैं, जहाँ उनके हजारों पाठक पिछले 15 सालों से उनके साथ जुड़े हुए हैं। सिनेमा, संगीत और कविता (शायरी) को जीते हुए वह हर सप्ताह नई हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं की फिल्मों पर भी अपनी विशेष राय देते हैं और उनका यह समर्पित कार्य नियमित रूप से लगभग दो दशकों से जारी है।
उनका वास्तविक नाम हरप्रीत सिंह (Harpreet Singh) है और सिनेमा से उनका संबंध 70 के दशक की शुरुआत में उनके जन्म के साथ ही, उसी दिन से शुरू हो गया, जिस दिन उनके परिवार ने उनका नाम राज कपूर की बहुचर्चित फिल्म से प्रेरित होकर ‘बॉबी’ रख दिया।
—बॉबी सिंह/हरप्रीत
(Bobby Sing/Harpreet)
Website : www.bobbytalkscinema.com • E-mail : bobbysing@gmail.com