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Jab Socho Bada Socho   

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Author N. Raghuraman
Features
  • ISBN : 9789351863182
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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  • Kindle Store

More Information

  • N. Raghuraman
  • 9789351863182
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2019
  • 160
  • Hard Cover

Description

बुद्धि 29 वर्ष की है। बचपन से साहसी और सहानुभूति की भावना रखनेवाली। उसके जीवन में घटित हुई कई घटनाओं ने उसके चरित्र को और मजबूती दी। वह दिल्ली के पास नोएडा में एक आई.टी.फर्म में नौकरी करती है। एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज हुआ है। उसने किया क्या था?

उसने नोएडा में अपनी जिंदगी खतरे में डालकर 15 वर्षीय बच्ची का विवाह रोका था। लड़के की माँ ने उस पर पीछे से हमला कर दिया था। इससे उसके गले के पीछे कट लग गया था। इससे पहले भी सुबुद्धि ने नोएडा में ही एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह को रोका था। हमले के बाद सुबुद्धि गिर गई थी। उसे तत्काल अस्पताल ले गए। कुछ समय कोमा में भी रही। जब कोमा से लौटी तो कहा कि वह समाज सेवा जारी रखेगी। जितने भी नाबालिगों को बाल विवाह से बचा सकती है, बचाएगी। बाल विवाह के खिलाफ उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति को देखकर ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने केंद्र के साथ ही ओडिशा और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर उसे ब्रेवरी अवार्ड, आर्थिक सहायता और सिक्योरिटी देने की सिफारिश की। आज सुबुद्धि कई आई.टी. पेशेवरों के लिए प्रेरणा है। महिलाओं के प्रति चिंता जब मोमबत्ती रैलियों और सोशल नेटवर्किंग तक सीमित थी, तब सुबुद्धि ने आगे बढ़कर मुश्किलों का सामना किया।

—इसी पुस्तक से

सोच ही मनुष्य का विकास करती है। सकारात्मक और बड़ी सोच सफलता और उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। यह पुस्तक ऐसी बड़ी और विवेकपूर्ण समझ के जीवंत उदाहरणों का संकलन है, जो मानवहित और कल्याण का अनुपम संदेश देती है।

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अनुक्रम

1. हमारे ग्रह की सलामती से जुड़ा है हमारा मुनाफा — Pgs. 9

2. जिंदगी के बड़े फैसले लेने से पहले
एक बार जरूर सुनें दिल की बात — Pgs. 11

3. आइडिया बड़े हों, ताकि लोगों का ध्यान खीचें — Pgs. 13

4. कभी-कभी अनौपचारिक बातचीत से भी
शानदार आइडिया आ जाते हैं — Pgs. 16

5. फूड इंडस्ट्री में बेहतर सफाई से बढ़ेगी कमाई — Pgs. 18

6. अतीत और भविष्य के संबंध अच्छे हों तो वर्तमान बेहतर होगा — Pgs. 20

7. रास्ता या तो ढूँढ़ लीजिए या बना दीजिए — Pgs. 23

8. सफलता के लिए जोखिम उठाएँ क्रिएटिव युवा — Pgs. 26

9. संभव की सीमा जानना है तो असंभव के पार जाइए — Pgs. 28

10. 99 कभी 100 फीसदी को हटा नहीं सकता — Pgs. 31

11. तरक्की करना चाहते हैं तो जाहिर है आगे की सोचें — Pgs. 34

12. प्रोडक्ट के स्थान पर आइडिया को बेचें — Pgs. 36

13. कचरा कभी कचरा नहीं होता — Pgs. 38

14. उन 10 चीजों को लिखिए, जो मरने से पहले करना चाहते हैं — Pgs. 40

15. ज्यादातर अपराध की वजह भूख है — Pgs. 42

16. बड़ी लड़ाई आप अकेले भी लड़ सकते हैं — Pgs. 44

17. अगर आप अभूतपूर्व तरक्की चाहते हैं
तो रचनात्मकता के साथ तेजी से काम कीजिए — Pgs. 47

18. क्वालिटी की हमेशा जीत होती है — Pgs.  50

19. मिल-जुलकर पहाड़ भी धकेला जा सकता है — Pgs. 52

20. नए आइडिया से जश्न को ज्यादा जगमग बनाएँ — Pgs. 55

21. इवेंट्स के आयोजन में हो कुछ अनूठापन — Pgs. 57

22. सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो मोबाइल साथ न ले जाएँ — Pgs. 59

23. हमारे देश में भी हैं लीक से हटकर कई काम — Pgs. 61

24. अगर लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित है तो कुछ भी नामुमकिन नहीं — Pgs. 64

25. तरक्की के लिए शहरों की तरह गाँवों में भी जरूरी हैं सुविधाएँ — Pgs. 67

26. फायदेमंद हो सकता है ‘बिजनेस के अंदर बिजनेस’ — Pgs. 69

27. आपकी तंदुरुस्ती भी अब एक बिजनेस है — Pgs. 72

28. किताबों का ज्ञान सिर्फ परीक्षाओं के लिए नहीं — Pgs. 75

29. तेज तरक्की के लिए आधारभूत ढाँचा तैयार करें — Pgs. 78

30. बचा हुआ सामान किसी की जरूरतों को पूरा कर सकता है — Pgs. 81

31. बहुमूल्य चीजें सजाकर रखने के लिए नहीं होतीं — Pgs. 83

32. जरूरत पूरी करनेवाला आइडिया जल्द चल पड़ता है — Pgs. 86

33. महिला होना किसी तरह की बाधा नहीं है — Pgs. 89

34. जब तक अनुभव न मिले सोच नहीं बदलती — Pgs. 91

35. समान विचारवालों के जुड़ने से आते हैं आइडिया — Pgs. 94

36. आपका आइडिया दूसरों से मेल खाना चाहिए — Pgs. 96

37. आसपास देखिए, आपको समाधान के
अवसर जरूर नजर आएँगे — Pgs. 98

38. बिजनेस से अलग है जिंदगी की बैलेंस शीट — Pgs. 100

39. अगर चाहें तो आप जीवन की दिशा बदल सकते हैं — Pgs. 102

40. बदलावों पर नजर रखिए, सफल रहेंगे — Pgs. 104

41. प्रदूषण कम करने के लिए कोई भी प्रयास अच्छा है — Pgs. 108

42. गधे के जैसा कहने से पहले एक बार जरूर सोचें — Pgs. 110

43. बेहतर नतीजे के लिए मसले की तह तक जाएँ — Pgs. 112

44. यह सबसे महत्त्वपूर्ण है कि हम सोचते कैसे हैं? — Pgs. 114

45. आइडिया जो बदल दे सबकी जिंदगी — Pgs. 116

46. टीम वर्क दीमक से भी सीखा जा सकता है — Pgs. 118

47. मुश्किल हालात से सिर्फ विशेषज्ञ ही बचा सकता है — Pgs. 120

48. अलग दिखना है तो कुछ तरोताजा और नया सोचिए — Pgs. 122

49. फायदा उठाइए, मेक इन इंडिया अभियान में
लोगों की जरूरत पड़ेगी — Pgs. 124

50. आविष्कार कोई भी हो, लोगों के काम का होना चाहिए — Pgs. 126

51. इमोशन और इंटेलीजेंस के बीच बैलेंस होना बहुत जरूरी  — Pgs. 128

52. साधारण व्यवसाय में आपकी अलग पहचान ही
आपको आगे बढ़ाती है — Pgs. 131

53. सजा सख्त से ज्यादा प्रभावी हो तो स्थायी असर दिखाती है — Pgs. 133

54. आँसू तो बाढ़ से भी ज्यादा ताकतवर होते हैं — Pgs. 135

55. कुछ उपहार ऐसे होते हैं, जो पैसों से नहीं खरीदे जा सकते — Pgs. 137

56. वक्त आ गया है हम जो कर रहे हैं, उसका फिर
आविष्कार करें — Pgs. 139

57. लालच से कभी कोई फायदा नहीं होता — Pgs. 141

58. बिजनेस की सफलता लोगों की जिंदगी के
बदलाव पर निर्भर है — Pgs. 143

59. जीवन में सज्जनता के असर की आप कल्पना भी
नहीं कर सकते — Pgs. 146

60. ज्यादा तारीफ से भी इनसान गलत रास्ते पर चला जाता है — Pgs. 148

61. अच्छा तालमेल बेजान दिल में भी साँसें फूँक सकता है  — Pgs. 150

62. फुटबॉल हो या खेती, समस्या समझें तो समाधान हो जाएगा — Pgs. 153

63. बेहतर जनसुविधाएँ लंबे वक्त तक चलें
इसके लिए भी जरूरी है मार्केटिंग — Pgs. 155

64. सामाजिक कार्यवाले व्यवसाय में भी मुनाफा — Pgs. 157

65. छोटे व्यापारों को आगे बढ़ाएँ — Pgs. 159

The Author

N. Raghuraman

एन. रघुरामन
मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।
श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।
इ-मेल : nraghuraman13@gmail.com

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