Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Jahiram Pad Neh   

₹200

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Narottam Pandey
Features
  • ISBN : 9788188140923
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Narottam Pandey
  • 9788188140923
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2011
  • 136
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

रामकथा भारतीय जन-मानस की प्राण है। यह हिंदु मन में गहरे तक पैठी हुई है। रामायण में अनेक पात्रों का सजीव चित्रण हुआ है। इनमें कुछ पात्र ऐसे हैं जो कथा में एक-दो बार आए हैं और फिर विलुप्त हो गए। कुछ पुरुष पात्र ऐसे हैं, जो मुख्य भूमिका में तो नहीं रहे पर हैं अत्यधिक महत्त्वपूर्ण और इनकी उपस्थिति कथा के अंत तक रही है।
प्रसिद्ध विद्वान् लेखक नरोत्तम पांडेय ने रामायण कथा का बड़ी गहराई से अनुशीलन किया है। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने अपनी तर्क-बुद्धि से रामकथा में से चार रामपद नेहियों—हनुमान, अंगद, लक्ष्मण और भरत—की आस्था, निष्ठा, सेवा-समर्पण एवं शौर्य का विवेचन किया है। इसमें जहाँ-तहाँ साधी रूप में वाल्मीकीय रामायण के आख्यानों की सहायता ली गई है। 
‘जाहिराम पद नेह’ में युवराज अंगद का चरित्र एवं व्यक्तित्व शेष चरित्रों की तुलना में अधिक सकर्मक और निष्काम है। सुग्रीव कुशल प्रशासक हैं। विभीषण की क्रियाएँ भेदमूलक हैं।
धर्म-अध्यात्म में रुचि रखनेवाले एवं रामायण-प्रेमी पाठकों के लिए एक पठनीय पुस्तक।

The Author

Narottam Pandey

जन्म : 24 मार्च, 1943 बिहार के बक्सर जिलांतर्गत रहथुआ ग्राम में।
शिक्षा : एम.ए., एल-एल.बी. (कलकत्ता विश्‍वविद्यालय)।
कृतियाँ : ‘पच्छिम के झरोखे’ (यात्रा वृत्तांत), ‘जो नहीं लौटे’, ‘बाबा की धरती’ तथा ‘गंगा के पार-आर’ (उपन्यास), ‘जाहि राम पद नेह’ (रामायण पर आधारित)।
यात्राएँ : रूस, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड आदि।
एक कर्मठ व्यक्‍त‌ि‍त्व, एक अरसे तक बक्सर में वकालत तथा लंदन में अवकाश प्राप्‍त।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW