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Jain Dharma Ki Kahaniyan   

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Author Dhruv Kumar
Features
  • ISBN : 9789380186092
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Dhruv Kumar
  • 9789380186092
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2017
  • 152
  • Hard Cover

Description

जैन संस्कृति बड़ी प्राचीन है। यह स्वयं में इतनी व्यापक, मौलिक तथा चिंतनपरक है कि इसे किसी विशिष्ट संस्कृति की परिधि में आबद्ध नहीं किया जा सकता। जैन धर्म और संस्कृति ने विश्व की अनेक संस्कृतियों को किसी-न-किसी रूप में प्रभावित किया है।
कहानी साहित्य की एक प्रमुख विधा है, जिसे सबसे अधिक लोकप्रियता प्राप्त हुई है। हमारे प्राचीनतम साहित्य में कथा के तत्त्व जीवित हैं।
जैन कथा साहित्य न केवल भारतीय कथा साहित्य का जनक रहा है, अपितु संपूर्ण विश्व कथा साहित्य को उसने प्रेरणा दी है। भारत की सीमाओं को लाँघकर जैन कथाएँ अरब, चीन, लंका, यूरोप आदि देश-देशांतरों में पहुँची हैं और अपने मूल स्थान की भाँति वहाँ भी लोकप्रिय हुई हैं।
जैन कथा साहित्य के कथानक बड़े मर्मस्पर्शी हैं और व्यापक भी। जीवन के शाश्वत तत्त्वों का इनमें निरूपण हुआ है तथा पात्रों का चरित्र स्वाभाविक रूप में होने के कारण सर्वग्राह्य बन पड़ा है। इन कहानियों में तीर्थंकरों, श्रमणों एवं श्लाकापुरुषों की जीवनगाथाएँ मुख्य हैं, जिनमें धर्म के सिद्धांतों का स्पष्टीकरण होता चलता है।
प्रस्तुत पुस्तक की जैन कहानियों में कथोपकथन के माध्यम से केवल मनोविनोद ही नहीं होता, बल्कि उनमें जीवन की सरस अनुभूतियों के साथ संस्कृति, सभ्यता, दर्शन तथा धर्म की व्याख्या भी मिलती है।

The Author

Dhruv Kumar

जन्म : 20 दिसंबर, 1965।
शिक्षा : प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व तथा पत्रकारिता में एम.ए., एम.एड., एम.फिल. एवं पी.एच-डी.।
प्रकाशन : ‘जैन धर्म और बिहार’, ‘जैन धर्म की कहानियाँ’, ‘जैन धर्म के चौबीस तीर्थकर’, ‘बिहार-झारखंड के जैन तीर्थ स्थल’, ‘जैन शिक्षा’, ‘स्‍‍त्री शिक्षा’, ‘किताबों की दुनिया : पटना पुस्तक मेला’ सहित डेढ़ दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। विगत ढाई दशकों से रंगकर्म, पत्रकारिता एवं समाचार वाचन कार्य में सक्रिय। कई दैनिक पत्रों एवं पत्रिकाओं में संवाददाता, उप-संपादक तथा म्यूरोचीफ रहे।
पुरस्कार सम्मान : ‘भगवान् महावीर शिखर सम्मान’, ‘आनंद शास्‍‍त्री पत्रकारिता सम्मान’, ‘नवरंग सम्मान’, ‘कला कक्ष सम्मान’, ‘कलाश्री सम्मान’, ‘रोटरी क्लब पटना सम्मान’।
संप्रति : प्राचार्य, आर.पी.एस. टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, पटना।
संपर्क : पी.डी. लेन, महेंद्रू, पटना-800006। मो. : 08603335354
इ-मेल : dhrub20@gmail.com

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