₹375
जल हमारे पर्यावरण का एक महत्त्वपूर्ण घटक है तथा पंचमहाभूतों में विशिष्ट भूमिका निभाता है । किसी भी देश के विकास में जल की स्थिति का आकलन पहले किया जाता है । साधारण सा दिखनेवाला जल अपने गुणों की दृष्टि से है बहुत विलक्षण । यह अपने आप में अपवाद भी है । जल को जीवन की भी संज्ञा दी गई है । यह रोगकारक एवं रोगशामक भी है । पृथ्वी पर स्वच्छ जल की मात्रा भी निर्धारित ही है; परंतु मानव अपनी विकास-यात्रा तथा अन्य क्रिया-कलापों के कारण इस प्राकृतिक संपदा को प्रदूषित भी कर रहा है, अपव्यय भी कर रहा है । आज इक्कीसवीं सदी में स्वच्छ पेयजल सबके लिए एक गंभीर विषय है । अत: जल से संबद्ध रोचक जानकारियाँ प्रस्तुत पुस्तक में अत्यंत ही सरल एवं बोधगम्य भाषा में दी गई हैं । पचास से अधिक दिए गए चित्र पुस्तक को और भी उपयोगी बनाते हैं । हमें विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक को पढ़कर पाठकगण जल से संबद्ध जानकारी से स्वयं कौ समृद्ध व संपन्न कर सकेंगे ।
जोधपुर में जनमे विज्ञान की उच्चतम शिक्षा प्राप्त, देश-विदेश की दस लब्ध-प्रतिष्ठ विज्ञान-संस्थाओं के चयनित फेलो, रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, लंदन से चार्टर्ड केमिस्ट की सम्मानोपाधि प्राप्त देश के वरिष्ठ विज्ञान संचारक। विगत 38 वर्षों से हिंदी में विज्ञान-लेखन और विज्ञान लोकप्रियकरण में रत डॉ. दुर्गादत्त ओझा की पुरातन एवं अद्यतन विज्ञान विषयों पर हिंदी में 50 से अधिक कृतियाँ, सहस्राधिक विज्ञान आलेख एवं शताधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं।
भूजल विभाग जोधपुर के अवकाश प्राप्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ओझा को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों एवं सम्मानोपाधियों से अलंकृत किया गया है, जिनमें प्रमुख हैं—राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान पुरस्कार, राष्ट्रीय विज्ञान-संचार पुरस्कार, राष्ट्रीय ग्रामीण साहित्य पुरस्कार, महामहिम राष्ट्रपति से डॉ. आत्माराम पुरस्कार, मेदिनी पुरस्कार आदि। डॉ. ओझा देश-विदेश की अनेक विज्ञान-संस्थाओं से जुड़े हुए हैं तथा विज्ञान विषयक कई पत्रिकाओं एवं शोध-जर्नलों के संपादक मंडल के सदस्य हैं।
4 जनवरी, 1946 को जोधपुर में जनमे इजी. भूपेंद्र जे. वसावड़ा न केवल इंजीनियर वरन् विधिवेत्ता भी हैं । इजी. वसावड़ा ने गुजरात प्रदेश की विभिन्न जल प्रदाय योजनाओं, सीवरेज संबंधी विश्व बैंक की बृहत् परियोजनाओं तथा देहात क्षेत्र की जलापूर्ति परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन में अपनी दक्षता अर्जित की है । वे कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विज्ञान संस्थाओं के चयनित फेलो हैं । संप्रति वे गुजरात राज्य के जलापूर्ति एवं सीवरेज मंडल में मुख्य अभियंता के पद पर कार्यरत हैं ।