Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Jammu-Kashmir Sach to Yahi Hai   

₹250

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Dr. Asha Naithani Dayama
Features
  • ISBN : 9789353228385
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Dr. Asha Naithani Dayama
  • 9789353228385
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2019
  • 136
  • Hard Cover

Description

ये कहानियाँ इतिहास नहीं हैं, बावजूद इसके इन कहानियों को ऐतिहासिक दस्तावेज कहा जा सकता है, क्योंकि इनका आधार हमारे देश के इतिहास का सत्य है।
स्वतंत्रता प्राप्ति के सत्तर साल बाद भी जम्मू-कश्मीर की सरकारें कानून की आड़ में राज्य के उपेक्षितों पर जिस तरह अत्याचार व अनाचार करती रही हैं, वह दिल दहलानेवाला है। ये कहानियाँ जम्मू-कश्मीर में सत्तर सालों की सरकारी मनमानी का कच्चा चिट्ठा पाठक के सामने प्रस्तुत करती हैं।
पिछली चार पीढि़यों के दर्द की गाथा है ‘सच तो यही है’। कहानियों की दुनिया में पहली बार इस विषय पर, सत्य घटनाओं को आधार बनाकर कहानियाँ बुनने का प्रयास किया गया है। कहानियाँ पठनीय तो हैं ही, हर मन को उद्वेलित करने वाली भी हैं।

____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

प्रस्तावना —Pgs. 7

कहानियों से पहले... 9

1. यहाँ सभी बेपर्द हैं —Pgs. 17

2. उजड़े हुए लोग —Pgs. 29

3. रुख़साना मेरी जान —Pgs. 42

4. लहूलुहान गोरखा —Pgs. 55

5. आज कुछ बात है, जो शाम पे रोना आया —Pgs. 66

6. हमारा हीरो है यह —Pgs. 77

7. जाना ना, देस बेगाना है —Pgs. 88

8. सच तो यही है —Pgs. 100

परिशिष्ट

परि‌शिष्ट-1

भारतीय संविधान-अनुच्छेद 370 —Pgs. 113

परि‌शिष्ट-2

भारतीय संविधान-अनुच्छेद 35क —Pgs. 115

परि‌शिष्ट-3

जम्मू-कश्मीर संविधान की प्रस्तावना —Pgs. 117

परि‌शिष्ट-4

जम्मू-कश्मीर संविधान-अनुच्छेद 3 तथा 6 —Pgs. 118

परि‌शिष्ट-5

...ताकि कुछ अनकहा न रह जाए —Pgs. 119

परि‌शिष्ट-6

कुछ सामाजिक झलकियाँ —Pgs. 130

The Author

Dr. Asha Naithani Dayama

डॉ. आशा नैथानी दायमा
जन्म स्थान/कर्म स्थान मुंबई। मुंबई विश्वविद्यालय से बी.ए. तथा एम.ए. (दोनों में प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम) डी.एच.इ. और पी-एच.डी.।
शास्त्रीय संगीत (सितार) विशारद। अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठियों में अभिपत्र-वाचन तथा संचालन। टेलिविज़न तथा रंगमंचीय कार्यक्रमों के लिए लेखन तथा संचालन। ़फीचर फ़िल्मों के लिए संवाद लेखन। अनेक लेख तथा दो पुस्तकें प्रकाशित। अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था ‘आर्ट ऑ़फ लिविंग’ के लिए लघु फ़िल्मों का लेखन, वॉइस ओवर, मंचीय कार्यक्रमों का संचालन। मुंबई के प्रतिष्ठित संत ज़ेवियर कॉलेज में हिंदी विभागाध्यक्षा, उप-प्राचार्या, स्नातकोत्तर प्राध्यापिका, 
पी-एच.डी. गाइड रहीं। अक्तूबर 2017 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति।
संपर्क : anaithanidayama@gmail.com

 

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW