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"विभूषित अधिकारी, विश्वास नांगरे पाटील को जब भी बचपन में बिताई दीवाली याद आती है, तो पटाखों की आवाज अकसर 26/11 की रात को कान के परदे हिला देनेवाले ग्रेनेड के धमाकों में बदल जाती है। यू. पी.एस.सी. की परीक्षा के लिए कमरतोड़ मेहनत करने के दिनों से ही उनमें ऐसा दृढ़ निश्चय पैदा हुआ,
जिसने उन्हें ताकत दी और 2008 के मुंबई हमलों के दौरान उन्होंने ताज होटल में छिपे आतंकवादियों को मार गिराया था।
मराठी भाषा में लिखी गई पुस्तक से अनूदित यह पुस्तक 'जीत जायेंगे हम' आई.पी.एस. अधिकारी विश्वास नांगरे पाटील के जाीवन का वर्णन करती है। यह
उनकी बेहद साधारण पृष्ठभूमि से लेकर स्कूल, कॉलेज और आई.पी.एस. कैडर में चुने जाने के लिए यू.पी.एस.सी. की परीक्षाओं को लेकर रोज़ाना कई घंटे पढ़ने
और आखिरकार मुंबई हमलों के दौरान आतंकवाद विरोधी अभियानों में उनकी भूमिका के बारे में बताती है। उनके जीवन के सबसे निर्णायक और चुनौतीपूर्ण वर्षों का यह दिल को छू लेनेवाला सच्चा वर्णन निश्चित रूप से उन लोगों को उत्साहित करेगा, जिनमें भारतीय सिविल सेवा में शामिल होने की आकांक्षा है।
कर्मठता, लगन, साधना, परिश्रम, निष्ठा और राष्ट्रभाव विकसित करनेवाली अनुपम कृति, जो हर पाठक के मन में विश्वास जगाकर सफलता के शिखर छूने के लिए प्रेरित करेगी।"