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आप जीवन की महत्ता एवं श्रेष्ठता साबित करना चाहते हैं तो खुद का पैरामीटर तय करें कि हम सुंदर व्यक्तित्व का मालिक कैसे बनें? खुद की सार्थकता कैसे साबित करें? हमारी जीवन-शैली उन्नत एवं आकर्षक कैसे हो? हमारा आचार, व्यवहार, विचार कैसा हो? हम कैसा लक्ष्य निर्धारित करें? हम क्या करें और क्या न करें? हमारे कृत्य की प्रासंगिकता खुद एवं दूसरों के लिए कितनी महत्त्वपूर्ण है? हमारे जीने का उद्देश्य एवं औचित्य क्या है? क्या हम मानवीय मूल्यों पर खरा उतर पा रहे हैं? क्या हमें जीवन-मूल्य, कर्म-मूल्य एवं समय-मूल्य की समझ है? उपर्युक्त बातों को समझने के लिए जीवन के पैरामीटर निर्धारित करने होंगे, ताकि हम उन पैरामीटर पर चलकर खुद की सार्थकता साबित कर सकें। हमारी अलग पहचान बने और लोग हमें मान-सम्मान दें। हम मानवीय मूल्यों पर खरा उतरकर एक अच्छा नागरिक बन सकें। हम अपनी जिंदगी पूरे हर्ष, उल्लास एवं उमंग के साथ जी सकें। हमें यह जिंदगी बोझ नहीं, खूबसूरत लगे तथा खुद प्रकाशित होकर दूसरों को प्रकाशित कर सकें। अगर आप ऐसा करना चाहते हैं तो जीवन का पैरामीटर निर्धारित करें और उस पैरामीटर पर चलकर जीवन का औचित्य साकार करें।
यह पुस्तक आपके संपूर्ण व्यक्तित्व को निखारने में मदद करेगी। सहनशीलता, विनम्रता, समझदारी, क्षमा, त्याग व्यक्तित्व के आभूषण हैं। इनके संवर्धन से आप सुखद एवं सार्थक जीवन जी पाएँगे।
रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह
पिताश्री : स्व. ब्रहमदेव प्र. सिंह
जन्म : मुसहरिया, कुंडवा चैनपुर, पूर्वी, चंपारण (बिहार)
शिक्षा : स्नातकोत्तर विज्ञान (बी.यू.), स्नातक पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान (पी.यू.)
प्रकाशित कृतियाँ : ‘आप भी सफल हो सकते हैं’, ‘सफलता के 5 सूत्र’, ‘जिंदगी एक अवसर : जिंदगी एक कला’, ‘क्या खोया, क्या पाया?’, ‘जीवन को बेहतर कैसे बनाएँ’, ‘सोच को बदलें’, ‘व्यक्तित्व निर्माण’।
प्रकाश्य : ‘जीवन अनमोल है’, ‘शिक्षा का अर्थ’, ‘उद्देश्य एवं औचित्य’, ‘जीवन का पैरामीटर’, ‘बिहार का विकास एक : संदर्भ कर्म-मूल्य’।
अभिरुचि : लेखन एवं समाज सेवा
आदर्श : पिताश्री
संप्रति : उप विकास आयुक्त, बेतिया।
दूरभाष : 7488626302