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Jhansi ki Veerangana   

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Features
  • ISBN : 9789392012037
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • 9789392012037
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 224
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

झासी की रानी लक्ष्मीबाई भारतवर्ष के सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नेत्री थीं। झाँसी के कण-कण में रानी लक्ष्मीबाई का त्याग और शौर्य विद्यमान है। यद्यपि बुंदेलखंड में कई वीरांगनाएँ हुइर्ं पर उनमें लक्ष्मीबाई आज भी भारतीय आकाश में नक्षत्र की भाँति देदीप्यमान हैं। उन्होंने उफनती बेतवा नदी को घोड़े पर पार करके, पार्श्ववर्ती राज्य ओरछा को पराजित कर, अंग्रेज लेफ्टनेंट डॉकर को घायल करके, सिंधिया के ग्वालियर पर विजय प्राप्त कर तथा युद्धों में अपनी तलवार से शत्रु के सैकड़ों सैनिकों को मारकर तथा घायल करके अपने अद्वतीय रण-पराक्रम तथा रणनीतिक कौशल को स्थापित किया जो आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी सेना में सभी जातियों, धर्मों और कई देशों के सैनिकों तथा सेनानायकों को उनकी योग्यता के आधार पर शामिल किया गया। साथ-साथ उन्होंने स्थानीय महिलाओं को सैन्य रूप में संगठित करके नारी-शक्ति को बुलंद किया। उनका प्रशासन पूर्णतः विकेंद्रीकृत था। झाँसी राज्य की समृद्धि तथा राजकोषीय आय का उपयोग उन्होंने सन् 1857 की क्रांति के पृष्ठपोषण में किया।
विश्व इतिहास में लक्ष्मीबाई सैन्य नेत्रियों में अग्रणी हैं। ऐसी विश्वनेत्री का व्यक्तित्व एवं कृतित्व भारत की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने हेतु भारतीयों के लिए अजस्र प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक हैं।

 

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