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Jharkhand Samanya Gyan    

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Author Manish Ranjan
Features
  • ISBN : 9789351866848
  • Language : Hindi
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More Information

  • Manish Ranjan
  • 9789351866848
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2016
  • 736
  • Hard Cover

Description

बिहार राज्य से पृथक् राज्य बने झारखंड के गठन में सुविधा-वितरण असमानताओं का बड़ा हाथ रहा। पृथक् झारखंड की माँग 19वीं शताब्दी के प्रारंभ से ही होने लगी थी, जबकि उस समय भारत अंग्रेजी शासन के अधीन था। सौ साल तक चला यह आंदोलन पृथक् राज्य के गठन के लिए विश्व में सबसे अधिक अवधि तक चलनेवाला आंदोलन रहा। जनजातीय बहुल झारखंड वैसे तो प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर है, लेकिन शिक्षा के अभाव ने इस क्षेत्र को बहुत समय तक विकास की मुख्यधारा से दूर रखा। अपने अस्तित्व को बचाने और अपने अधिकारों को प्राप्त करने में झारखंड का आंदोलन और भी विशेष हो जाता है। जनजातियों का दमन और शोषण रोकने के लिए झारखंड की भूमिका पर ऐसे अनेक आंदोलन हुए, जो अठारहवीं शताब्दी के प्रारंभ से ही हो रहे थे। इन आंदोलनों में यहाँ की जनजातियों ने क्या कुछ सहा और देखा, इसकी कल्पना करना भी कठिन है। आज झारखंड पृथक् राज्य बनकर विकास के पथ पर अग्रसर है।
प्रस्तुत पुस्तक ‘झारखंड सामान्य ज्ञान’ में झारखंड की भौगोलिक स्थिति, खनिज-संपदा, राजनीतिक-सामाजिक स्थिति पर सम्यक् जानकारी जुटाई गई, जो पाठकों के लिए अनेक रूपों में उपयोगी सिद्ध होगी।

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अनुक्रम  
भूमिका — 7 झारखंड में 34वें राष्ट्रीय खेल — 249
1. झारखंड का इतिहास — 15-45 झारखंड के प्रमुख क्रीड़ास्थल — 253
पुराकालीन इतिहास — 15 झारखंड के खेल विभूति — 255
मध्यकालीन इतिहास — 18 स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स, लॉस एंजेलिस — 257
आधुनिक काल — 24 8. जमीन संबंधी कानून — 259-292
झारखंड के प्रमुख विद्रोह एवं आंदोलन — 29 छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 — 259
झारखंड के ऐतिहासिक घटनाक्रम — 37 संताल परगना भूधारण (अनुपूरक उपबंध) अधिनियम, 1949 — 279
झारखंड में स्वतंत्रता आंदोलन — 41 अन्य राज्यों के भूमि संबंधी कानून — 292
झारखंड राज्य निर्माण के बाद का घटनाक्रम — 45 9. 1947 से राज्य में आर्थिक विकास — 295-331
विभिन्न शासन व्यवस्थाएँ — 45 झारखंड : भौगोलिक स्थिति — 295
2. झारखंड आंदोलन — 63-90 झारखंड की जलवायु — 301
झारखंड के सदान — 63 झारखंड की प्रमुख नदियाँ — 304
झारखंड में राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम — 66 प्रमुख जलप्रपात, झील और बाँध — 309
झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी — 72 झारखंड में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ — 312
झारखंड के विभूति — 78 झारखंड की सतही मिट्टी — 315
आधुनिक झारखंड का गठन — 83 खान एवं खनिज — 316
झारखंड आंदोलन के संगठन — 90 परिवहन एवं संचार — 324
3. झारखंड की विशिष्ट पहचान — 92-182 10. झारखंड की नीति — 333-421
सामाजिक संरचनात्मक अवलोकन — 93 औद्योगिक नीति — 335
झारखंड की जनजातियाँ — 95 विस्थापन एवं पुनर्वास नीति — 359
विभिन्न वैवाहिक परंपराएँ — 117 प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास नीति, 2009 — 372
प्रमुख पर्व एवं त्योहार — 121 झारखंड में स्थानीयता नीति — 379
झारखंड के प्रमुख मेले — 126 झारखंड में खाद्य सुरक्षा अधिनियम — 380
राजनीतिक स्थिति — 133 सेवा का अधिकार कानून, 2011 — 383
झारखंड का शासन और प्रशासन — 134 अन्य महत्त्वपूर्ण नीतियाँ — 386
मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद् — 138 भूमि बैंक — 421
विधानसभा — 140 11. झारखंड का औद्योगिक विकास — 430-436
न्यायपालिका — 142 झारखंड के प्रमुख उद्योग-धंधे — 430
महाधिवक्ता — 144 वृहद् उद्योग — 432
लोकायुक्त — 144 झारखंड में औद्योगिक विकास — 436
झारखंड की प्रशासनिक इकाई — 163 12. योजनाएँ — 440-459
आर्थिक स्थिति — 163 13. वन और वन्य जंतु — 460-470
पर्यटन में अपार संभावनाएँ — 177 वन एवं वनों के प्रकार — 460
धार्मिक विशिष्टताएँ एवं पहचान — 182 वन संपदा — 464
4. झारखंड का लोक साहित्य — 186-207 वन प्रबंधन — 466
लोक साहित्य — 186 वन्य जीव-जंतु एवं संरक्षण — 468
पारंपरिक कला — 187 प्रमुख उद्यान एवं अभयारण्य का विवरण — 470
लोक संगीत — 191 14. पर्यावरण — 474-484
झारखंड के लोक नृत्य — 193 प्रदूषण — 475
झारखंड के प्रमुख वाद्य-यंत्र — 201 जलवायु परिवर्तन — 482
झारखंड के दर्शनीय स्थल — 207 पर्यावरण संरक्षण — 483
5. झारखंड का साहित्य व साहित्यकार — 222-230 15. आपदा प्रबंधन — 488-493
नागपुरी साहित्य — 222 • झारखंड में विभिन्न आपदाएँ — 489
खोरठा साहित्य — 224 • झारखंड में आपदा प्रबंधन — 493
पंचपरगनिया साहित्य — 224 16. समसामयिकी — 501-521
कुरमाली साहित्य — 225 • समसामयिक घटनाएँ — 501
संथाली साहित्य — 226 • पुरस्कार व सम्मान — 514
उराँव या कुडुख साहित्य — 227 • झारखंड का आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 — 517
मुंडारी साहित्य — 228 • झारखंड बजट, 2017-18 — 521
हो साहित्य — 229 • विविध तथ्य — 535
खडि़या साहित्य — 230 17. संप्रति झारखंड — 541-569
हिंदी साहित्य एवं साहित्यकार — 230 18. झारखंड का सांख्यिकीय उपस्थापन — 560-573
6. शिक्षण संस्थान — 235-241 19. झारखंड प्रश्नावली — 574-646
झारखंड शिक्षा के क्षेत्र में — 235 परिशिष्ट - 1 — 647-657
झारखंड के प्रमुख विश्वविद्यालय — 238 परिशिष्ट - 2 — 658-660
झारखंड के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान — 239 परिशिष्ट - 3 — 661-665
7. झारखंड में खेलकूद — 245-257 परिशिष्ट - 4 — 666-669
भूमिका — 245 परिशिष्ट - 5 — 670-671
झारखंड खेल नीति, 2007 — 246  

The Author

Manish Ranjan

डॉ. मनीष रंजन वर्ष 2002 बैच के आई.ए.एस. अफसर हैं और वर्तमान में झारखंड सरकार में कार्यरत हैं। उन्होंने झारखंड में विभिन्न जिलों में उपायुक्त-सह-जिला कलेक्टर के रूप में सफलतापूर्वक काम किया है। उन्होंने नेतरहाट विद्यालय, नेतरहाट से स्कूली शिक्षा एवं पटना कॉलेज, पटना तथा हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। IRMA, गुजरात से एम.बी.ए. करने के बाद उन्होंने मैनेजमेंट स्टडीज में पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड, जॉन्स हापकिंस यूनिवर्सिटी, अमेरिका, फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ फाइनेंस एंड मैनेजमेंट, जर्मनी, इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर, तुरीन, इटली एवं कोरिया डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, दक्षिण कोरिया में अध्ययन किया।
प्रोफेशनल कॅरियर में उन्होंने आई.ए.एस. की मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए 'डायरेक्टर्स गोल्ड मेडल' प्राप्त किया था। उन्हें लगातार दो वर्ष प्रधानमंत्री 'मनरेगा उत्कृष्टता पुरस्कार', राष्ट्रपति से 'निर्मल ग्राम पुरस्कार', एशियन फेडरेशन ऑफ इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटीज, जापान से 'स्टार राफ्ट पुरस्कार' और शारीरिक दिव्यांगों के लिए अनुकरणीय कार्य करने के लिए भारत सरकार द्वारा 'स्पंदन पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जा चुका है। यह उनकी नौवीं पुस्तक है। झारखंड उनकी कर्मस्थली है, तो इससे लगाव होना सहज ही है। अध्ययन, अन्वेषण और चिंतन में निरंतर उनकी रुचि है, जो लेखकीय दायित्व के लिए आवश्यक है।

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