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Kaaljayee Bharatiya Gyan    

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Author Prof. Bhagwati Prakash Sharma
Features
  • ISBN : 9788197069222
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Prof. Bhagwati Prakash Sharma
  • 9788197069222
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 248
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

"प्रस्तुत पुस्तक में हमारे प्राचीन वाङ्मय, यथा—वेदों, पुराणों, ब्राह्मण ग्रंथों, उपनिषदों, आरण्यकों, रामायण, महाभारत एवं प्राचीन सनातन हिंदू ग्रंथों में उन्नत आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के संदर्भ विवेचित हैं। इनमें ब्रह्मांड की श्याम ऊर्जा, ब्रह्मांड की उत्पत्ति का वैज्ञानिक विमर्श, सौरमंडल रहस्य, गुरुत्वाकर्षण का प्राचीन वैदिक व अन्य शास्त्रों का संदर्भ ज्ञान, प्रकाश की गति का वैदिक विमर्श, ग्रहण का वैज्ञानिक विवेचन आदि की शास्त्रोक्त व्याख्या की गई है। वेदों में लोकतंत्र, गणराज्य एवं राष्ट्र की प्राचीन संकल्पना, राष्ट्राध्यक्ष के चुनाव का वैदिक विमर्श, राजपद व उसकी मर्यादाएँ, राजा या शासनाध्यक्ष की वैदिक शपथ, प्राचीन बहुस्थानिक व्यवसाय के संदर्भ, उद्योग, व्यापार व वाणिज्य लोक वित्त के प्राचीन संदर्भ आदि की भी व्याख्या प्रस्तुत पुस्तक में की गई है।

पुस्तक में उन्नत शब्द विज्ञान, उन्नत भौतिकीय, रासायनिक व गणितीय ज्ञान के संदर्भों का भी विवेचन किया गया है। वैदिक सूर्योपासना के वैश्विक प्रसार और अमेरिकी पुरावशेषों पर भारतीय सांस्कृतिक प्रभाव के संदर्भों का भी विवेचन किया गया है। वेदों में सार्वभौम राष्ट्र व शासन-पद्धतियों की अवधारणा, राष्ट्र, राज्य व राजशास्त्रों के वैदिक विवेचनों की भी समीक्षा की गई है। कुल मिलाकर यह यशस्वी कृति भारतवर्ष के समृद्ध, समुन्नत, सर्वमान्य ज्ञान-परंपरा का एक वृहद् व व्यावहारिक विश्वकोश है, जिसका अध्ययन करना हमें नई ऊर्जा, उत्साह और आत्मविश्वास से समादृत करेगा।"

The Author

Prof. Bhagwati Prakash Sharma

प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा सन् 1978 से वाणिज्य एवं प्रबंध संकायों में स्नातकोत्तर स्तर पर अध्यापन कर रहे हैं। वाणिज्य एवं प्रबंध के क्षेत्र में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों के लिए 11 पुस्तकें लिखी हैं। इनके मार्गदर्शन में 15 छात्रों ने पीएच.डी. स्तर का शोध एवं 80 से अधिक अन्य शोध परियोजनाओं का निर्देशन किया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में 230 से अधिक लेख एवं शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं।
आर्थिक एवं वैश्विक व्यापार संबंधी विषयों में रुचि होने से प्रो. शर्मा ने स्वदेशी जागरण मंच की ओर से, विश्व व्यापार संगठन (ङ्ख.ञ्ज.हृ.) के पाँचवें, छठे एवं दसवें मंत्रिस्तरीय द्विवार्षिक सम्मेलन में क्रमशः 2003 में केन्कुन (मेक्सिको), 2005 में हांगकांग व 2015 में नैरोबी (केन्या) में भाग लिया।
प्रबंध के क्षेत्र में प्रो. शर्मा अंतर्व्यक्ति व्यवहार की प्रभावशीलता, समय प्रबंधन, संगठन विकास, शून्य-आधारित बजट परिवर्तनों के प्रबंध, नेतृत्व विकास आदि विषयों के प्रशिक्षक भी हैं।
इन्होंने आर्थिक वैश्वीकरण, विश्व व्यापार संगठन, स्वदेशी, विनिवेश आदि विषयों पर 30 लघु पुस्तिकाएँ भी लिखी हैं। वर्तमान में प्रो. शर्मा स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक हैं।
इ-मेल : bpsharma131@yahoo.co.in

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