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यू. पी.एस.सी. सिविल सेवा परीक्षा में फेल हो जाने का विष्णु का सबसे बुरा सपना सच हो गया है। असुरक्षा, डर और संदेहों ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया है। प्रतियोगिता परीक्षाओं में सबसे बड़ी परीक्षा ने उसे खारिज कर दिया है और उसे अब जीने के किसी मकसद की तलाश है। तो वह क्या करता है? वह अपनी सबसे अच्छी दोस्त शालिनी से कहता है, ‘आई लव यू...क्या तुम मुझसे शादी करोगी?’
‘कहानी एक आई.ए.एस. परीक्षा की’ में पच्चीस साल का विष्णु अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता और भ्रम से बाहर निकलने तथा शालिनी को शादी के लिए मनाने के तरीके ढूँढ़ता है। हालात तब और भी दिलचस्प, हास्यास्पद और भावुक हो जाते हैं, जब विष्णु ‘माउंट IAS’ पर विजय पाने निकल पड़ता है। अपनी पढ़ाई और अपने प्यार को जब वह सुरक्षित दिशा में ले जा रहा होता है, तब उसे IAS कोचिंग सेंटरों की दुनिया में छिपने का ठिकाना मिल जाता है।
चेन्नई में सिविल सेवा परीक्षा कोचिंग के चहल-पहल भरे केंद्र, अन्ना नगर की पृष्ठभूमि में लिखी गई यह पुस्तक वास्तविकता, तनाव और संघर्ष का हास्य से भरपूर वर्णन करती है, जिनका सामना भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक की तैयारी कर रहे लाखों उम्मीदवार करते हैं। आइए, विष्णु के साथ चलें जब वह इस दुनिया को, और खुद अपने आप को अपना दमखम दिखाने निकला है। क्या शालिनी अपने सबसे अच्छे दोस्त के प्यार को कबूल करेगी? क्या विष्णु असफलता की अपनी भावना से उबर पाएगा? क्या हमेशा के लिए सबकुछ ठीक हो जाएगा?
डॉ. के. विजयकार्तिकेयन एक चिकित्सक से नौकरशाह बने और वर्तमान में कोयंबटूर नगर निगम में कमिश्नर के पद पर कार्य कर रहे हैं। वे इस पद पर कार्य करनेवाले अब तक के सबसे युवा अधिकारी हैं। वे एक आई.ए.एस. अधिकारी के रूप में अपनी अत्यधिक लोकप्रिय पहलों के लिए जाने जाते हैं और भूमि, ठोस अपशिष्ट और शहरी प्रबंधन में अपने अग्रणी काम के लिए कई पुरस्कार और प्रशंसा प्राप्त कर चुके हैं। वे तीन तमिल बेस्टसेलर्स—इथुम डोरैथिल आई.ए.एस., अधुवुम इधुवुम और ओरे कलिल 13 मँगाई के लेखक हैं। खुले मौसमवाले सप्ताहांतों पर वह अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और भ्रामक स्पिन से क्रिकेट मैदान पर कहर ढाते हुए पाए जा सकते हैं।