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"इस पुस्तक में वर्णित विषय मूलतः शिक्षा, संस्कृति, प्रेरणा और पुरुषार्थ से संबंधित है। 60 पाठों में आकर्षक उदाहरणों द्वारा सरल शब्दों में उपयोगी सामग्री प्रस्तुत की गयी है। हर पाठ के अंत में QR code दिया गया है, ताकि पाठक चाहें तो मोबाइल पर वीडियो में यही सामग्री देख और सुन सकें ।
हम अपनी महान् संस्कृति को जानें- समझें, यह हर भारतीय के लिए आवश्यक है। खासकर नई पीढ़ी, जो आधुनिकता की दौड़ में अपनी जड़ों से कटती जा रही है, के लिए यह उपयोगी अध्ययन सामग्री है। शिक्षा पुस्तकीय ज्ञान के साथ व्यावहारिक जीवन के द्वार खोले जीवन में सफलता, संतोष और मानवता लाए, यह आवश्यक है। स्वामी विवेकानंद कहते हैं- अपने को कमजोर मानना पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है। हमें अपने आप में उच्च विचार और प्रबल पुरुषार्थ पैदा करना है, फिर असंभव भी संभव हो जाएगा। हम चुनौतियों का सामना करें और कठिनाई में भी सफलता की तलाश जारी रखें।"