₹250
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जाने-माने वैज्ञानिकों में से थे; परंतु वे एक व्यक्ति, भारत के राष्ट्रपति तथा एक अध्यापक के रूप में और भी अधिक उल्लेखनीय रहे हैं। वे अपने शब्दों और कर्मों से लोगों को इस तरह मंत्रमुग्ध करते आए थे कि सबके प्रिय पात्र बन गए। उनके महान् व्यक्तित्व को जितना सराहा जाता है, शायद ही कोई और ऐसा व्यक्तित्व होगा, जिसे इतना स्नेह और प्रशंसा मिली होगी।
यह पुस्तक उनके प्रेरक व्यक्तित्व के प्रति श्रद्धासुमन स्वरूप समर्पित है। इसमें उनके बाल्यकाल और युवावस्था से जुड़े अनेक रोचक व प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत हैं, जिनमें से अनेक बिल्कुल अनजाने हैं और इन्होंने उनके महान् व्यक्तित्व को गढ़ने में सहायता की।
इस पुस्तक में दिए चित्रों के माध्यम से पाठक उनके जीवन और कार्यों का जीवंत अनुभव पा सकते हैं। इन प्रसंगों को जिस तरह पुस्तक के आकार में पिरोया है, वह निश्चित रूप से सबके लिए पे्ररणादायी है।
डॉ. कलाम के प्रेरणाप्रद यशस्वी जीवन का दिग्दर्शन कराती अत्यंत पठनीय पुस्तक।
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अनुक्रम
लेखकीय—7
पहले पृष्ठ पर—9
1. नन्हे कलाम का जन्म—15
2. ठुमकती चाल—16
3. नन्हा कलाम चला पाठशाला—19
4. लंका का पुल—21
5. स्नेही अध्यापक—23
6. नाव का निर्माण—24
7. नाव से मिले सबक—26
8. नन्हे कलाम ने सीखा उड़ान का सबक—29
9. टूट गए बंधन—31
10. कलाम फिर बने अनचाहे मेहमान—35
11. एक आँधी—37
12. नाव का निर्माण फिर से—40
13. कलाम और अम्मी के हिस्से की रोटी—43
14. पहली कमाई—47
15. पहली असली कमाई—48
16. अखबार बाँटना—51
17. अबा का दैवीय संपर्क—53
18. सुबह की सैर—56
19. कलाम का भोजन—57
20. जली हुई चपाती—58
21. अम्मी का त्याग—61
22. सागर का संगीत —63
23. अखबार बाँटने से हुआ लाभ—65
24. मूर्ति की रक्षा—66
25. एक शोकजनक आपदा—69
26. तीन महान् हृदयों ने सुलझाई समस्या—73
27. विज्ञान के प्रति प्रेम—75
28. कलाम की अम्मी—77
29. समुद्री पक्षी की उड़ान—79
30. रेलवे स्टेशन पर मिला सबक—81
31. बहन जोहरा—82
32. नन्हे कलाम की शहर-यात्रा—83
33. एक उपहार—85
34. नन्हे कलाम को घर की याद सताई—87
35. पठन-पाठन की आदत का अभ्यास—91
36. मार्गदर्शक और सहयोग—93
37. कलाम का शाकाहार—95
38. नन्हे कलाम ने लिखा निबंध—97
39. नन्हे कलाम और माँ के हाथ के पकवान—101
40. छात्र कलाम असफल हो गए—103
41. विवाह न करने का संकल्प—107
42. नन्हा कलाम और आध्यात्मिकता—108
43. एक महवपूर्ण पाठ—110
44. अचानक मिला सम्मान—111
45. कलाम फिर हुए नाकामयाब—113
46. नन्हे कलाम की सफलता का श्रेय—116
47. युवा कलाम के जीवन से—122
संदर्भ ग्रंथ सूची—126
सृजन पाल सिंह को भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के रूप में स्वर्णपदक प्रदान किया गया। वे छात्र परिषद् के प्रमुख भी रहे। वर्तमान में वे पुरा (PURA) को टिकाऊ विकास प्रणाली के रूप में विकसित करने के लिए डॉ. कलाम के साथ कार्य कर रहे हैं।
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