₹400
डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसी विभूतियाँ पृथ्वी पर सदियों में कभी-कभी ही जन्म लेती हैं और अपने विलक्षण कार्यों एवं व्यवहार से पूरे विश्व को प्रभावित कर जाती हैं। डॉ. कलाम एक कर्मयोगी व तपस्वी थे। उन्हें प्रकृति व मानवीयता से प्रेम था। विनम्रता, कठोर परिश्रम एवं सादगी उनकी पहचान थी। डॉ. कलाम धन या कुल से नहीं, बल्कि अपने दिव्य स्वभाव और अनुकरणीय आचरण से महान् बने थे।
डॉ. कलाम एक विकसित भारत की कल्पना करते थे। उनका स्वप्न था कि विश्वपटल पर भारत की विशिष्ट पहचान बने और उसकी सुसंपन्नता और समर्थता औरों के लिए उदाहरण बने। वे युवा-शक्ति पर विश्वास रखते थे। इसलिए उन्होंने सदैव उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करने के प्रयास किए।
इस पुस्तक में उनके प्रेरक जीवन को कहानियों में समेटने का प्रयास किया गया है, ताकि बच्चे, युवा एवं अन्य सभी पाठक उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रकार्य के लिए समर्पित हों।
रेनू सैनी
जन्म : 1 अप्रैल।
शिक्षा : एम.फिल. (हिंदी)।
प्रकाशन : ‘दिशा देती कथाएँ’, ‘बचपन का सफर’, ‘बचपन मुसकाया जब इन्हें सुनाया’, ‘महात्मा गांधी की प्रेरक गाथाएँ’, ‘कलाम को सलाम’, ‘संत कथाएँ मार्ग दिखाएँ’, ‘सक्सेस गीता : सफल जीवन के 125 मंत्र’, ‘डायमंड लाइफ’, ‘जीवन धारा’, ‘मोदी सक्सेस गाथा’, ‘दीनदयाल उपाध्याय की प्रेरककहानियाँ’, ‘मिशन Impossible’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लौहपुरुष सरदार पटेल के प्रेरकप्रसंग’ एवं ‘शास्त्रीजी के प्रेरकप्रसंग ’।
सम्मान : दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी द्वारा चार बार नवोदित लेखन एवं आठ बार आशुलेखन में पुरस्कृत; ‘बचपन का सफर’ पुस्तक को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बाल साहित्य वर्ग के अंतर्गत ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पाँचवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक ‘वितान’ के अंतर्गत कहानी ‘अद्भुत प्रतिभा’ एवं पाठ्यपुस्तक ‘बातों की फुलवारी’ के अंतर्गत ‘आखरदीप’ कहानी का प्रकाशन। राष्ट्रीय स्तर की अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी से रचनाओं का प्रकाशन व प्रसारण। अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन।
संप्रति : सरकारी सेवा में कार्यरत।
संपर्क : saini.renu830@gmail.com