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कलाम सर प्रेरणा और सम्मान की प्रतिमूर्ति थे। इस पुस्तक में शिक्षाओं व उनकी प्रार्थनाओं को शब्दों में पिरोने की कोशिश की गई है। एक ऐसी माला बनाई गई है, जिसके मन के आपके मन को अंदर से छूने की कोशिश करेंगे। और अगर आप इजाजत देंगे, तो ये आपके मन-मस्तिष्क में ऐसा मंथन शुरू करेंगे, जिसके अंत में आप अपनी पसंद की सफलता का माखन चख ही लेंगे।
कलाम सर के ये पाठ हर उस व्यक्ति के लिए हैं, जो सपने देखता है, उन सपनों के लिए कुछ करना चाहता है, कठिनाइयों से ऊपर उठना चाहता है, कुछ बनना चाहता है और कुछ कर गुजरना चाहता है। ये कविताएँ उसी मन को उठाने का प्रयास है, जो सक्षम है, और ‘जो’सिर्फ ‘जो’ कलाम सर के भारत को विकसित देशब नाने के स्वप्न को पूरा कर सकता है।
ये कविताएँ आह्वान हैं कि आइए, कलाम सर के इस सपने को हम सब व्यक्तिगत रूप से लें और न केवल अपनी सफलता के लिए सतत प्रयास करें बल्कि यदि अपने आस-पास किसी को कोई भी सपना बुनते देखें और उसको कुछ करते देखें तो उसको प्रोत्साहित करें, उसका साथ दें। कुछ ऐसा करें कि हर दिल में तिरंगा लहराने की बात, कलाम सर जिस शान से किया करते थे, उसका मान रह जाए।
सफलता पर जब हमारा ध्यान हो तो हमें कैसा बनना है, कैसे अपने मूल्यों से कोई समझौता नहीं करना है और कैसे कठिन परिस्थितियों व परिश्रम के बीच भी खुद को कोमल बनाए रखना है, ये सब बातें ही डॉ. कलाम लगातार सिखाते थे। इसके अंदर आई कविताएँ संक्षेप में उनके नजरिए को पेश करने की छोटी सी कोशिश है।
आइए, इसी अग्नि को हम भी अपने-अपने दिलों में प्रज्वलित करें और अपने आपसे यह वादा करें कि इन पाठों को सीखकर, सिखाकर और सफलता का जिम्मा उठाकर हम भी अपने जीवन को सार्थक करेंगे और देश को एक विकसित देश बनाने में योगदान देंगे।
सुरेखा भार्गव एक प्रेरित उद्यमी व कर्मठता की शानदार मिसाल हैं, जिन्होंने जीवन के अनेक क्षेत्रों में सफलता का परचम लहराया है। एक गृहिणी से मैनेजमेंट गुरु व सफल महिला उद्यमी के रूप में जानी जाने वाली सुरेखा भार्गव इस बात का एक श्रेष्ठ उदाहरण हैं कि यदि नारी चाहे तो इस नए युग में अपने आपको भव्य रूप में स्थापित कर सकती है। जरूरत है कर्मठता और भरपूर आत्मविश्वास की।
‘बड़ा सोचो, बड़ा बोलो व अपनी बड़ी सोच की दिशा में लगातार छोटे-छोट प्रयास करते रहो तो सफलता मिल ही जाती है’ के सिद्धांत में उनका अटूट विश्वास है। 5,00,000 से ज्यादा लोगों को अपने प्रेरणादायी व्याक्खानों के जरिए ‘कलाम सर के सक्सेस-पाठ’पढ़ा चुकी हैं। उनकी बहुचर्चित कार्यशाला (Mind Minding Workshop) लोगों के मन को सफलता के लिए मनाने का ही सफल कार्य करती है।
देश की युवाशक्ति उद्यमी बने, इसके लिए ये शिक्षण संस्थान से जुड़कर, व्यापार से जुड़ी शिक्षा और व्यापार की हकीकत के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए उनकी सलाहकार के रूप में भी काम करती हैं, क्योंकि अब्दुल कलाम जी के साहित्यिक सान्निध्य को वे ईश्वर का उपहार मानती हैं।
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