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Kamal Kumar Ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Kamal Kumar
Features
  • ISBN : 9789351862840
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Kamal Kumar
  • 9789351862840
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 176
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

कमल कुमार की कहानियों का फलक विस्तृत है, पर वैचारिकी गहन है। ये कहानियाँ गहरे सराकारों की कहानियाँ हैं। इनकी कहानियों को पढ़ना स्त्री-जीवन से साक्षात् करना है। परिवार में पुरुष सत्ता की अदृश्य हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न सहती विवश स्त्रियों हैं। ‘हम औरतें छतरियों की तरह होती हैं। तपती धूप और बारिश में भीगती, अपने घर और बच्चों पर तनी हुई उन्हें बचाती हैं।’ वहीं पुरुष सामंतशाही के छद्म से निकलकर अपने जीवन का अर्थ तलाशती स्त्रियाँ भी हैं। समाज में व्याप्त रूढि़यों, संकीर्णताओं, असंगतियों जैसी विकट स्थितियों के बीच संचरण करती अपनी आशाओं और आकांक्षाओं का सूक्ष्म वितान बुनती हैं। कमल कुमार का स्त्री विमर्श देह-विमर्श नहीं है। स्त्री की अस्मिता और उसके मानवाधिकारों का स्त्री विमर्श है। इसमें स्त्री के सम्मान और समान भाव की तार्किकता और रचनात्मक दृष्टि है।
कमल कुमार की कहानियाँ जीवन के बहुविध अनुभवों की कहानियाँ हैं; जिनमें आसक्ति, आस्था, आशा और जीवन का स्पंदन है। कभी न परास्त होता ‘अपराजेय’ भाव है। वहीं सामाजिक, धार्मिक रूढि़यों, विसंगतियों और विषमताओं पर प्रहार भी है। ‘काफिर’ आखिर है कौन? सवालों की धार पाठकों को बेचैन करती है। यही इन कहानियों की सार्थकता भी है।

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अनुक्रम

भारतीय मनीषा : कहानी की मनीषा — Pgs. 5

1. अपना शहर — Pgs. 11

2. लोकतंत्र — Pgs. 23

3. महक — Pgs. 38

4. लहाश — Pgs. 44

5. कमलिनी — Pgs. 50

6. काफिर — Pgs. 56

7. नालायक — Pgs. 63

8. जंगल — Pgs. 75

9. धारावी — Pgs. 87

10. अपराजेय — Pgs. 94

11. मदर मेरी — Pgs. 103

12. करोड़पति — Pgs. 109

13. कुकुज नेस्ट — Pgs. 119

14. घर-बेघर — Pgs. 131

15. अनुत्तरित — Pgs. 140

16. पुल — Pgs. 151

17. पिंडदान — Pgs. 161

The Author

Kamal Kumar

रचना-संसार : ‘पहचान’, ‘क्रमशः’, ‘फिर से शुरू’, ‘वैलेंटाइन-डे’,‘घर-बेघर’, ‘अंतर्यात्रा’, ‘यादगारी कहानियाँ’, ‘प्रेम संबंधों की कहानियाँ’, ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह); ‘अपार्थ’, ‘आवर्तन’, ‘हैमबरगर’, ‘यह खबर नहीं’, ‘मैं घूमर नाचूँ’, ‘पासवर्ड’ (उपन्यास); ‘बयान’, ‘गवाह’, ‘साक्षी हैं हम’, ‘सूर्य देता है मंत्र’, ‘घर और औरत’ (कविता-संग्रह), ‘नई कविता की परंपरा और भूमिका’, ‘अज्ञेय की काव्य संवेदना’, ‘शमशेर का काव्य’, ‘शांतिप्रिय द्विवेदी’, ‘व्यक्तित्व और कृतित्व’, ‘नारी-मुक्ति की पुरोधा’, ‘स्त्री संशब्द’, ‘विवेक और विभ्रम’, ‘स्त्री ः कथा-अंतर्कथा (आलोचना व स्त्री-विमर्श)। कई भाषाओं में रचनाएँ अनूदित; ‘हैमबरगर’ उपन्यास पर रेडियो धारावाहिक; ‘समय बोध’ कहानी पर फिल्म; ‘जंगल कहानी’ पर प्रसार भारती द्वारा फिल्म। रचनाकार के रूप में प्रसार भारती द्वारा उन पर केंद्रित फिल्म का निर्माण।
पुरस्कार-सम्मान : साहित्यकार सम्मान, साहित्य-भूषण, साधना श्रेष्ठ सम्मान, साहित्य श्रेष्ठ सम्मान, साहित्य भारती सम्मान, रचनाकार सम्मान, गजानन माधव मुक्तिबोध राष्ट्रीय पुरस्कार, हरियाणा गौरव सम्मान।

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