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Author Ishan Mahesh
Features
  • ISBN : 9789386870087
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Ishan Mahesh
  • 9789386870087
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2017
  • 144
  • Hard Cover

Description

ईशान महेश के इन व्यंग्यों में आप पाएँगे सरकारी और असामाजिक तंत्र की शिकार जनता की पीड़ा, उसका दर्द, उसका कष्ट, उसकी चीत्कार और उसकी बेबसी। जो भी साधारण है, सरल है, निष्कपट है—उसके भीतर प्रजा का रूप है और हम सब प्रजा का एक अंग हैं; इसलिए ये व्यंग्य हमारे मन और मस्तिष्क को छू जाते हैं।

______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रम

1. बिजली का दफ्तर — Pgs. 9

2. रास्ता दिखानेवाले — Pgs. 13

3. रंग और नूर की बरात — Pgs. 17

4. यूरेका! यूरेका!! — Pgs. 20

5. जिस तन बीति, वाहि तन जाने — Pgs. 23

6. मेरे बाप, यानी ‘माई-बाप’ — Pgs. 28

7. सैटिंग — Pgs. 31

8. आम के आम... 35

9. ओह शिट! — Pgs. 38

10. पहली ‘नो एंट्री’ — Pgs. 41

11. हवस टैक्स — Pgs. 45

12. चित भी मेरी, पट भी मेरी — Pgs. 48

13. गांधी की आँधी — Pgs. 50

14. हवाई फायर — Pgs. 52

15. सरेआम — Pgs. 56

16. कलियुग में चमत्कार — Pgs. 60

17. अन्य पुरुष की इच्छा — Pgs. 62

18. भक्त-प्रवर कालूराम — Pgs. 64

19. हैलो! मैं धर्म बोल रहा हूँ — Pgs. 71

20. तृतीय विश्वयुद्ध और चालान — Pgs. 75

21. हथकंडे — Pgs. 80

22. सौदेबाजी — Pgs. 84

23. पुलिस की मजबूरी — Pgs. 88

24. मंत्री बाँटे रेवड़ी... 91

25. कंस की आत्मा — Pgs. 93

26. अग्निपुरुष का आत्मदाह — Pgs. 96

27. बेड़ा गर्क — Pgs. 99

28. कुछ चुनी हुई भभकियाँ — Pgs. 102

29. सभ्य डकैती — Pgs. 105

30. सिपाही की भीष्म प्रतिज्ञा — Pgs. 107

31. ब्ल्यू लाइन की ब्ल्यू बातें — Pgs. 109

32. कमाई का धंधा — Pgs. 111

33. संस्कृति के दीमक — Pgs. 114

34. जनता के दामाद — Pgs. 117

35. कहे कहानी ठेकेदार — Pgs. 120

36. सरकारी डकैत — Pgs. 127

37. जले पर सरकारी नमक — Pgs. 133

38. दिल्ली का रिंग रोड — Pgs. 136

39. वीरप्पन : वन एवं पर्यावरण-पे्रमी — Pgs. 139

40. आय कर विभाग का मौलिक विज्ञापन — Pgs. 142

The Author

Ishan Mahesh

जन्म : 11 अप्रैल, 1968 को नई दिल्ली में।
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी)।
रचनाएँ : ‘हलचल’, ‘पुनर्विवाह’, ‘सृजन-साधना’ (उपन्यास); ‘सरेआम’, ‘हाय, पैसा हाय!’, ‘प्रेरणा देनेवाले’ (व्यंग्य-संग्रह); ‘जनता फ्लैट’ (नाटक); ‘शरारत का फल’, ‘पवित्र उत्तर’ (बाल साहित्य); ‘नरेंद्र कोहली ने कहा’ (सूक्‍त‌ि एवं संचयन)।

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