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‘कर्दलीबन : एक अनुभूति’ हजारों लोगों की आस्था के प्रतीक श्रीपाद श्रीवल्लभ, नृसिंह सरस्वती और स्वामी समर्थ उनके चरित्र से जुड़ी श्रद्धाभावना तथा आज के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सामने रखकर किया गया विशेष अध्ययन है। कर्दलीबन श्रीमद् नृसिंह सरस्वती स्वामी तथा स्वामी समर्थ, इन दो दत्त अवतारों को जोड़नेवाली एक कड़ी है।
इस ग्रंथ की विशेषता है कि श्री क्षितिजजी ने न केवल ग्रंथों का अध्ययन और शोधकार्य किया अपितु प्रत्यक्ष कर्दलीबन में जाकर वहाँ निवास किया। उस वातावरण को निकटता से देखा, महसूस किया। कर्दलीबन के आध्यात्मिक और प्राकृतिक परिसर का अनुभव लिया और फिर उसे ग्रंथित किया। इसका हर एक प्रकरण कर्दलीबन से संबंधित किसी विशेष विषय की जानकारी प्रदान करता है। जो विभिन्न ग्रंथों के आधार पर प्रमाणित रूप से संकलित की गई है।
यह एक ऐसा उपयोगी ग्रंथ है, जो दत्त संप्रदाय में आस्था रखनेवालों के साथ-साथ पर्यटन, शोध एवं इतिहास आदि में रुचि रखनेवालों के लिए भी उपयुक्त सिद्ध हो सकता है। यह समग्र जानकारी कर्दलीबन के बारे में जिज्ञासा रखनेवाले पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक है और शोधकर्ताओं के लिए लाभदायक भी।
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अनुक्रमणिका
प्रस्तावना — Pgs. 15
लेखक का मनोगत... 19
1. कर्दलीबन दत्तात्रेय के तीन अवतार — Pgs. 29
2. इतिहास — Pgs. 35
3. भौगोलिक स्थान तथा परिसर — Pgs. 45
4. कर्दलीबन परिक्रमा का इतिहास — Pgs. 63
5. कर्दलीबन परिक्रमा की पद्धति — Pgs. 67
6. कर्दलीबन महिमा और महत्त्व — Pgs. 75
7. कर्दलीबनः वास्तव, भ्रम एवं श्रद्धा — Pgs. 82
8. कर्दलीबनः अन्नदान, अतिथि सेवा और दत्त संप्रदाय — Pgs. 88
9. श्री दत्तगुरु का कलियुग में कार्य और महत्त्व — Pgs. 96
परिशिष्ट 1 : दत्तप्रभु का दिनक्रम — Pgs. 110
परिशिष्ट 2 : भारत देश में और नर्मदा परिक्रमा में प्रमुख दत्त क्षेत्र — Pgs. 113
परिशिष्ट 3 : दत्तात्रेय के सोलह अवतार — Pgs. 128
परिशिष्ट 4 : महाअवतार बाबाजी, दत्त संप्रदाय और शिरडी के सांईबाबा — Pgs. 134
परिशिष्ट 5 : दत्तात्रेय का अस्तित्व और आधुनिक विज्ञान की मर्यादाएँ — Pgs. 139
परिशिष्ट 6 : सृष्टि का निर्माण एवं रचना — Pgs. 142
परिशिष्ट 7 : कर्दलीबन सेवा संघ तथा उसका कार्य — Pgs. 147
परिशिष्ट 8 : दुर्लभ दत्त मंत्र, यंत्र एवं स्तोत्र — Pgs. 154
शिक्षा : पी-एच.डी. स्कॉलर (इंश्योरेंस), प्रोग्राम इन यौगिक स्ट्रेस मैनेजमेंट, एम.एम.एस. (मार्केटिंग): एल-एल.बी. (स्पेशल), एम.ए. (अर्थशास्त्र), एम.ए. (इंडोलॉजी), फेलो इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, सर्टिफिकेट कोर्स इन हैल्थ इंश्योरेंस, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग डिप्लोमा, एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स टेस्ट क्वालीफाइड, गवर्नमेंट डिप्लोमा इन को-ऑपरेशन ऐंड एकाउंटेंसी, उद्यमशीलता विकास में डिप्लोमा, डिप्लोमा इन लेबर लॉज, राष्ट्रभाषा हिंदी पंडित, डिप्लोमा इन आई.टी. एप्लीकेशंस, सर्टिफिकेट कोर्स इन एक्सपोर्ट ऐंड इंपोर्ट, डिप्लोमा इन फ्रूट प्रोसेसिंग, योगा थेरैपी इंस्ट्रक्टर, निसर्गोपचार व आयुर्वेद पदविका।
प्रकाशन : ‘बीमा सभी के लिए’, ‘मेडिक्लेम और हैल्थ इंश्योरेंस’, ‘युवावस्था में ही रिटायरमेंट प्लानिंग।
इंश्योरेंस अकादमी पुणे तथा लोकमान्य मेडिकल फाउंडेशन के निदेशक, स्कूल ऑफ इंडिक स्टडीज के प्रवर्तक तथा फाइनेंस इंश्योरेंस बैंकिंग लिटरेसी इनिशिएटिव के संयोजक। अनेक प्रतिष्ठित व्यापारिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक संगठनों से विशेष संबद्धता।