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यह पुस्तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी के जीवन, उनके विचारों और उनके राजनीतिक जीवन पर केंद्रित है। इस पुस्तक में उन पहलुओं को भी समेटने की कोशिश की गई है, जो किसी नैतिक, कर्तव्यनिष्ठ, सत्यभाषी और कर्मयोगी की प्रासंगिकता एवं उपादेयता का निर्माण करते हैं। इस पुस्तक में ऐसे
अध्याय को भी शामिल किया गया है, जो ‘करप्शन ऑफ कॉम्प्लेक्सिटी’, ‘स्प्रिचुअल कोशेंट’ (एस.क्यू), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वर्चुअल आइडेंटिटी पर चर्चा करते हुए भारत में पश्चिम के ‘ए.आई.’ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के बजाय भारत की ‘ए.क्यू.’ (एक्वायर्ड इंटेलिजेंस) पर जोर देता है। इसमें बताने की कोशिश की गई है कि इस विधा में भारत कैसे उतरे और कौन उसे राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करे।
नेतृत्व में वैल्यू एडीशन, गाय और विज्ञान के साथ-साथ भारतीय जीवन व संस्कृति में गाय का महत्त्व, ऋषि और कृषि के पूरक संबंधों की चर्चा की गई है। पुस्तक में हिंदू युवा वाहिनी की सोशल केमिस्ट्री को जानने की कोशिश है और योगीजी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के बढ़ते कदमों के अतिरिक्त यह अन्वेषण करने का प्रयास किया गया है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ही क्यों? योगी आदित्य की रिकॉल वैल्यू में वैल्यू एडीशन हो रहा है या डेफिशिट? क्या योगी आदित्यनाथ भविष्य में राष्ट्र का राजनीतिक चेहरा बनेंगे? क्या योगी आदित्यनाथ के साथ एक राजनीतिक खोज पूरी हुई?
समाजोत्थान में सतत संलग्न कर्मयोगी संन्यासी योगी आदित्यनाथ पर एक संपूर्ण पुस्तक।
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अनुक्रम
दो शब्द —Pgs. 7
1. कुछ शब्द इसलिए —Pgs. 17
2. योगी ही क्यों? —Pgs. 28
3. रिकॉल वैल्यू में हो रहा वैल्यू एडीशन —Pgs. 39
4. हिंदुत्व और राष्ट्र की अखंडता —Pgs. 50
5. पूरक रहे हिंदू राष्ट्रवाद और गोरक्षपीठ —Pgs. 59
6. गाय बनाम भारतीय संस्कृति —Pgs. 70
7. राष्ट्र, धर्म और योगी —Pgs. 79
8. नवोन्मेषी संत —Pgs. 92
9. हियुवा : सेवा एवं संस्कृति की केमिस्ट्री —Pgs. 105
10. कर्मभूमि के कर्मयोगी —Pgs. 114
11. युगधर्म से आगे की राह —Pgs. 126
12. बदल रहा प्रदेश : कदम एक —Pgs. 137
13. बदल रहा प्रदेश : कदम दो —Pgs. 150
14. क्या खोज पूरी हुई? —Pgs. 161
डॉ. रहीस सिंह इतिहासविद् होने के साथ-साथ आर्थिक तथा वैदेशिक मामलों के विशेषज्ञ भी हैं। पिछले तीन दशकों में उन्होंने पत्रकारिता के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य किया है। उन्होंने इन दशकों में भारत की लगभग सभी हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में स्तंभ-लेखन व संपादन के जरिए राष्ट्र की उपलब्धियों और चुनौतियों को जन-गण के सामने रखा है। साथ ही समय-समय ऐसे पक्षों का अन्वेषण एवं आकलन करने का दायित्व भी निभाया है, जिन्हें संघ व राज्य सरकारों द्वारा भी स्वीकारा गया। इस दौरान उन्होंने इतिहास, विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंध और अर्थनीति से जुड़ी उन्नीस पुस्तकों की रचना की है, जिनका प्रकाशन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रकाशन संस्थानों द्वारा किया गया है। वर्तमान में वे एक ‘थिंक टैंक’ एवं ‘एक्सपर्ट व्यूज’ (दैनिक भास्कर) के रूप में कार्य करने की दिशा में अध्ययन कर रहे हैं कि भारत पुनः कैसे विश्वगुरु बन सकता है एवं महाशक्ति की स्थिति में पहुँच सकता है तथा इस दिशा में आगे बढ़ते हुए भारत की पौराणिक संस्कृति, अध्यात्म, एक्वायर्ड इंटेलिजेंस तथा मानव संसाधन आदि की क्या भूमिका होनी चाहिए।