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कश्मीर का आतंकवाद और विद्रोह जो अस्सी के दशक में प्रारंभ हुआ और अभी तक चल रहा है मूलतः पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित किया गया है, ताकि ‘भारत को हजारों घावों से आहत कर लहूलुहान’ (जुल्फिकार अली भुट्टो के शब्दों में ‘टु ब्लीड इंडिया थ्रू थाउसैंड कट्स’) किया जा सके और भारत को दारुल-इसलाम में परिवर्तित किया जा सके। इस घृणित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान ने कश्मीर के नौजवानों को प्रलोभन देकर आकर्षित किया, आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित किया और हथियार देकर वापस कश्मीर में सशस्त्र विद्रोह के लिए धकेल दिया, ताकि वे चुन-चुनकर हिंदुओं (कश्मीर पंडितों) की हत्या कर सकें और दारुल-इसलाम का स्वप्न साकार कर सकें। परंतु यह हत्याएँ हिंदुओं तक सीमित नहीं रह सकीं।
लेखक ने कश्मीर घाटी में 1992 से 1994 तक ‘सशस्त्र सेना विशेषाधिकार अधिनियम’ के अंतर्गत आतंकवाद विरोधी सैन्य अभियान में तथा 1997 से 1999 तक नियंत्रण रेखा पर रहकर देश की सेवा की। यह पुस्तक उन परिदृश्यों, घटनाओं और मानवीय प्रतिक्रियाओं का विवरण है, जो अत्यंत अच्छी या अत्यंत बुरी होने के कारण लेखक के मन-मस्तिष्क में रच-बस गई थीं। ये वे घटनाएँ हैं, जिन्होंने लेखक के हृदय को छुआ तथा चिरकाल तक अवस्थापित रहीं। प्रत्येक घटना, कश्मीर के हालात को, किसी विश्लेषणात्मक पुस्तक से अधिक प्रकट करती हैं।
जन्म : 05 मई, 1966 को इलाहाबाद जनपद के दलापुर गाँव में।
शिक्षा : 1989 में एम.ए. (दर्शन शास्त्र), इलाहाबाद विश्वविद्यालय, 2001 में मानव संसाधन प्रबंधन में परास्नातक डिप्लोमा (पांडिचेरी विश्वविद्यालय), 2006 में बी. जॉर्न तथा 2008 में एम. जॉर्न सागर विश्वविद्यालय।
जीवन वृत्त : एम.ए. (दर्शन शास्त्र) की नियमित विश्वविद्यालय शिक्षा के बाद संघ लोक सेवा आयोग की संयुक्त रक्षा सेवा (सी.डी.एस.) परीक्षा उत्तीर्ण की तथा सेनाधिकारी (कमीशंड ऑफिसर) के रूप में, 1992 से 1999 तक देश की सेवा की। 1992 से 1994 तक कश्मीर घाटी में आतंकवाद-उन्मुलन अभियान, 1994 से 1996 तक अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा तथा 1997 से 1999 तक नियंत्रण रेखा पर उड़ी सेक्टर (जम्मू एवं कश्मीर) में राष्ट्र की सेवा की। कारगिल युद्ध के उपरांत सेना से त्यागपत्र।
प्रकाशन : अंग्रेजी में ‘होली सिनर्स : सर्च ऑफ कश्मीर’ पुस्तक प्रकाशित। समय-समय पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख तथा आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों से कई सजीव प्रसारण।
इ-मेल : tripathi.saras@gmail.com
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