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Katha Loknath Ki   

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Author Rita Shukla
Features
  • ISBN : 9788177213645
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
  • ...more

More Information

  • Rita Shukla
  • 9788177213645
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2018
  • 192
  • Hard Cover

Description

यह कथा लोकनाथ की है। एक नहीं, अनेक लोकनाथ!
वे सब, जो स्नेह-वात्सल्य की गंगोत्तरी हैं, ज्ञान-स्वाभिमान के अनहद शिखर हैं। मन, प्राणों में असीम उद्विग्नता लिये, जीवन की क्षरण वेला में भी अदम्य जिजीविषा रखनेवाले। 
अकल्पनीय यंत्रणा झेलते शरीर-मनवाले लोकनाथ की यह कथा हर उस कलमव्रती की पीड़ा का साक्षात्कार है, जो अपने सपनों के संसार को सत्य की आकृति देने के लिए आकुल-व्याकुल रहता है। ऐसी पारसमणियों को भी अंतर्दाह झेलना होता है।
ग्रंथों के संसार में निवास करनेवाली आत्मा को लौकिकता का दंश मिलना ही है। एक ओर अकूत भौतिक समृद्धि और दूसरी ओर ज्ञान-संपदा को ही सर्वस्व मानने की मनस्विता! विषकीट से संबंधों की, ज्ञान गुमानियों की तितीक्षा, भारतीय संस्कृति के लोकराग से जुड़ी भोगवादी मनोवृत्ति से कोसों दूर कल्मष से युद्ध करती ये संज्ञाएँ।
अपनी-अपनी अनुभूतियों की सलीब पर चढ़े, अग्निस्नान करते, विपरीतताओं से सतत जूझते लोकनाथों की व्यथा-कथा आपके समक्ष है इस अत्यंत पठनीय मर्मस्पर्शी उपन्यास ‘कथा लोकनाथ की’।

 

The Author

Rita Shukla

जन्म : 14 नवंबर, 1949 को डिहरी ऑन सोन में।
शिक्षा : स्नातक हिंदी ‘प्रतिष्ठा’ परीक्षा में विशिष्टता सहित प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान एवं स्वर्ण पदक प्राप्त, पी-एच.डी.।
रचना-संसार : ‘अरुंधती’, ‘अग्निपर्व’, ‘समाधान’, ‘बाँधो न नाव इस ठाँव’, ‘कनिष्ठा उँगली का पाप’, ‘कितने जनम वैदेही’, ‘कब आओगे महामना’, ‘कथा लोकनाथ की’ (उपन्यास); तीन उपन्यासकाएँ; ‘दंश’, ‘शेषगाथा’, ‘कासों कहों मैं दरदिया’, ‘मानुस तन’, ‘श्रेष्ठ आंचलिक कहानियाँ’, ‘कायांतरण’, ‘मृत्युगंध, जीवनगंध’, ‘भूमिकमल’ तथा ‘तर्पण’ (कहानी-संग्रह)।
सम्मान-पुरस्कार : ‘क्रौंचवध तथा अन्य कहानियाँ’ को भारतीय ज्ञानपीठ युवा कथा सम्मान, ‘लोकभूषण सम्मान’, ‘थाईलैंड पत्रकार दीर्घा सम्मान’, ‘राधाकृष्ण सम्मान’, ‘नई धारा रचना सम्मान’, ‘प्रसार भारती हिंदी सेवा सम्मान’, ‘हिंदुस्तानी प्रचार सभा सम्मान’, ‘हिंदी सेवा सम्मान’ एवं अन्य सम्मान। कला संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की सदस्य। केंद्रीय राजभाषा समिति की सदस्य, साहित्य अकादमी की सदस्य।
 

 

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