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एक सीप ने अपने पड़ोसी सीप से कहा, ‘‘मेरे अंदर बहुत दर्द है। यह भारी व गोल है और मैं परेशानी
में हूँ।’’
दूसरे सीप ने दंभ और इत्मीनान से कहा, ‘‘ईश्वर और सागर की कृपा है, मेरे अंदर कोई दर्द नहीं है। मैं अंदर और बाहर दोनों ही तरफ से अच्छा, भला-चंगा हूँ।’’
पहले सीप ने कहा, ‘‘हाँ, तुम अच्छे-भले और चंगे हो, लेकिन तुम्हारा पड़ोसी जो दर्द झेल रहा है,
वह बेहद खूबसूरत एक मोती के बनने का है।’’
—इसी पुस्तक से
विश्व-विख्यात दार्शनिक एवं विचारक खलील जिब्रान की लोकप्रिय व चर्चित कहानियाँ, जो मनोरंजक तो हैं ही, मानवीय संवेदना और मार्मिकता से भरपूर होने के कारण पाठकों के दिल तक उतर जाती हैं। जीवन का यथार्थ और मायने बतातीं रोचक कहानियाँ।
जन्म : हाथरस (जिला अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) में। अधिकांश प्रारंभिक जीवन बाँदा (उत्तर प्रदेश) में बीता।
शिक्षा : जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए.।
कृतित्व : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानी, गीत, रिपोर्ताज, लेख आदि प्रकाशित। लगभग एक सौ पुस्तकों का अनुवाद। कुछ महत्त्वपूर्ण उपन्यासों का अंग्रेजी से संक्षेपण।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन और अनुवाद।