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आज के समाज में तनावयुक्त संबंधों के चलते दुनिया में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं। संयुक्त परिवार के स्थान पर एकल परिवार बढ़ रहे हैं, तो तज्जन्य समस्याएँ भी बढ़ रही हैं। ऐसे में हमें परिवार का महत्त्व समझ आने लगा है।
हमारे परिवारजन ही हमारे सच्चे मित्र हैं। हम जिस तरह से अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं, अपने बच्चों की मानसिक सेहत का खयाल रखते हैं, गलती करने पर बच्चों को सजा देते हैं, यह सब रिश्तों की अहमियत ही तो बखान करते हैं। परिवार के साथ मजबूत रिश्ते से हमारा जीवन सुखी और परिपूर्ण होता है। हमारे जन्म का उद्देश्य इसी पूर्णता को हासिल करना ही तो है। इस यात्रा में परिवार ही पहले और टॉप गीयर का काम करता है।
ऐसा सुखी परिवार, जिसमें सब सदस्यों का परस्पर सम्मान और स्नेह हो, की कल्पना को साकार करनेवाले फंडों की प्रेरक पुस्तक।
एन. रघुरामन
मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।
श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।
इ-मेल : nraghuraman13@gmail.com