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Konkani Ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Ed. Jyoti Kunkoliekar
Features
  • ISBN : 9789355212030
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Ed. Jyoti Kunkoliekar
  • 9789355212030
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2021
  • 176
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

कोंकणी की लोकप्रिय कहानियाँ अब हिंदी क्षेत्र के माध्यम से राष्ट्रीय पटल पर पहुँच रही हैं तथा राष्ट्रीय प्रवाह में भी पहुँची हैं। केवल साहित्य से नहीं, संपूर्ण कोंकणी संस्कृति, कोंकणी लोगों का रहन-सहन, खाना-पीना, उनका लोक-साहित्य, उनका इतिहास आदि से भारत के लोग परिचित हो जाएँगे। इस कथा-संग्रह में हमने पंद्रह कोंकणी कहानियों का समावेश किया है। भारतीय भाषाओं के साथ शामिल होने का अधिकृत सम्मान कोंकणी को सन् 1975 में प्राप्त हुआ, जब कोंकणी को साहित्य अकादेमी से मान्यता प्राप्त हुई। कोंकणी कथा लिखनेवाले लगभग 50 से ज्यादा लेखक हैं, लेकिन इस कथा-संग्रह में सिर्फ पंद्रह कथाएँ हैं। वास्तव में, कोंकणी की प्रतिनिधि कहानियों को इस संग्रह में स्थान दिया गया है।
विश्वास है कि कोंकणी की ये श्रेष्ठ कहानियाँ हिंदी पाठकों के बीच भी खूब लोकप्रिय होंगी।

The Author

Ed. Jyoti Kunkoliekar

ज्योती कुंकळकार लेखन और फिल्म-निर्माण के क्षेत्र में एक जाना-पहचाना नाम हैं। विगत 30 सालों में उन्होंने लेखन-फिल्म-नाटक-अभिनय से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनकी तीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और अब तक आठ पुस्तकों का अनुवाद कर चुकी हैं; जिनमें से तीन पुस्तकें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखिकाओं की हैं। अलग-अलग विषय पर बीस माहितीपट (शिक्षण संबंधी फिल्म) बना चुकी हैं, जिनमें से एक प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित गोवा के स्व. रवींद्र केलेकरजी पर है।
ज्योतीजी की कुछ पुस्तकों को अलग-अलग संस्थाओं से तथा राज्य के पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। 1995-96 में उन्हें शंबर टक्के बुधवंतराय आकाशवाणी नभोनाट्य के लिए आकाशवाणी का प्रथम राष्ट्रीय पुरस्कार; अभिनय के लिए गोवा राज्य फिल्म महोत्सव में दो बार सहायक अभिनेत्री और एक बार ‘बेस्ट स्टोरी’ का राज्य पुरस्कार; चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार और आठ बार राज्य पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। 2012 में इंटरनेशनल सेंटर, गोवा ने उनकी फिल्मों का फेस्टिवल आयोजित किया। वे गोवा की कई संस्थाओं से जुड़ी हैं; सेंसर बोर्ड, मुंबई की सदस्य हैं। 2011-12 में कला एवं संस्कृति मंत्रालय, दिल्ली की सीनियर फेलोशिप (साहित्य) मिली। साहित्य, कला, नाटक और फिल्म के क्षेत्र में योगदान के लिए गोवा सरकार ने उन्हें ‘यशोदामिनी पुरस्कार’ से सम्मानित किया।

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