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जीवन तो कोरा कागज है। चाहें तो इसमें खुशियों की कविता लिखें या लिख दें दुःखों के गीत। और अकसर ऐसा भी होता है कि एक अधूरी कविता को पूरा करने के लिए बस जरूरत होती है तो उस एक शख्स की, जो पन्ना पलटने की काबिलियत रखता हो।
घर वह एक ही था, पर उसके एक सिरे में प्रेम-बंधन आखिरी साँसें ले रहा था तो दूसरे सिरे में एक दोस्ती प्रेम की सीढ़ी चढ़ने को आतुर थी।क्या माँ-बाप के बिखरते रिश्ते की निराशा निष्ठा के प्रेम को ग्रहण लगा देगी? या फिर उसका वह नया सकारात्मक जुड़ाव ही उसके टूटते परिवार के रिश्तों में आस्था लौटाएगा?
जन्म : 2 नवंबर, 1965 को दिल्ली में।
शिक्षा : बी.ए. (इतिहास), पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स इन जर्नलिज्म, गोल्ड मेडल से सम्मानित।
प्रकाशन : ‘द लास्ट लॉफ’, ‘फ्रजाइल विक्ट्री’ (कहानी संग्रह); उपन्यास ‘ब्रोकन-मैलोडिज’ व उसका हिंदी अनुवाद ‘बिखरे सुर’। देशी और विदेशी अखबारों व पत्रिकाओं में अंग्रेजी लेख प्रकाशित। पिछले पाँच वर्षों से प्रसिद्ध टी.वी. सीरियल ‘बालिका वधू’ की कहानी तथा सीरियल ‘वीरा’ का लेखन। टेलीविजन में प्रसारित अन्य प्रमुख सीरियल—‘हमारे-तुम्हारे’, ‘पनाह’, ‘अस्तित्व : एक प्रेम कहानी’, ‘घर एक सपना’, ‘ज्योति’ और ‘गोद भराई’।
जन्म : 26 सितंबर, 1960 को दिल्ली में।
शिक्षा : एम.ए. (अर्थशास्त्र)।
कृतित्व : हिंदी पत्रिकाओं और अखबार में लेख। टी.वी. सीरियलों की कहानी व पटकथा लेखन में गजरा कोटारी की सहयोगी।
उनकी तीन कहानियों पर आधारित सीरियल इंडोनेशियन टेलीविजन पर प्रसारित हुए; उन सभी सीरियलों की पटकथा व संवाद में इन्होंने गजरा जी को सहयोग दिया।