₹300
क्रांतिवीर चन्द्रपाल शैलानी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से दो बार सांसद रहे और स्थानीय नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहे। उनका व्यक्तित्व ही ऐसा था कि यदि वह किसी कार्य को करने की ठान लेते थे तो उसको पूरा करके ही छोड़ते थे । वह बचपन से ही ओजस्वी वक्ता एवं जुझारू प्रवृत्ति के थे । वह अपने विद्यार्थी काल में बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकरजी से मिले और उनके आदर्शों पर चलने की ठानी तथा अपना पूरा जीवन उनके आदर्शों के अनुरूप ही व्यतीत किया। श्रद्धेय चन्द्रपाल शैलानी ने ही हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में सर्वप्रथम बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म-दिवस धूमधाम से मनाना प्रारंभ किया, जो आज पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने अपने जीवनकाल में भगवान बुद्ध के वचनों का अनुसरण किया और यही सीख समाज के लोगों को भी दी।
श्रद्धेय चन्द्रपाल शैलानी कोरोना काल में समाज के लोगों में जागरूकता फैलाते रहे तथा अभावग्रस्त लोगों के लिए लगातार भोजन का प्रबंध किया।
उनका आग्रह था कि 'व्यक्ति भारतीय संविधान के मूल मंत्र - स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व एवं न्याय को माने। सभी लोग इस सूत्र का अनुसरण करें, उसे अपने जीवन में उतारें ।
क्रांतिवीर चन्द्रपाल शैलानी उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से दो बार सांसद रहे और स्थानीय नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहे। उनका व्यक्तित्व ही ऐसा था कि यदि वह किसी कार्य को करने की ठान लेते थे तो उसको पूरा करके ही छोड़ते थे । वह बचपन से ही ओजस्वी वक्ता एवं जुझारू प्रवृत्ति के थे । वह अपने विद्यार्थी काल में बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकरजी से मिले और उनके आदर्शों पर चलने की ठानी तथा अपना पूरा जीवन उनके आदर्शों के अनुरूप ही व्यतीत किया। श्रद्धेय चन्द्रपाल शैलानी ने ही हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में सर्वप्रथम बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म-दिवस धूमधाम से मनाना प्रारंभ किया, जो आज पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने अपने जीवनकाल में भगवान बुद्ध के वचनों का अनुसरण किया और यही सीख समाज के लोगों को भी दी।
श्रद्धेय चन्द्रपाल शैलानी कोरोना काल में समाज के लोगों में जागरूकता फैलाते रहे तथा अभावग्रस्त लोगों के लिए लगातार भोजन का प्रबंध किया।
उनका आग्रह था कि 'व्यक्ति भारतीय संविधान के मूल मंत्र - स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व एवं न्याय को माने। सभी लोग इस सूत्र का अनुसरण करें, उसे अपने जीवन में उतारें ।