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Kuchh Chitra Rachen, Kuchh Rang Bharen "कुछ चित्र रचें, कुछ रंग भरें" Book In Hindi - Dr. Rashmisheel
श्री जय शंकर मिश्र भारतीय प्रशासनिक सेवा के उत्तर प्रदेश संवर्ग के 1980 बैच के एक अत्यंत सक्षम, सफल एवं संवेदनशील अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। अनेक जनपदों के जिलाधिकारी, प्रदेश शासन में अनेक विभागों में सचिव, प्रमुख सचिव, निगमों में प्रबंध निदेशक, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष इत्यादि नियुक्तियों एवं भारत सरकार में आयुक्त एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अत्यंत उपलब्धिपूर्ण एवं सफलतम कार्यावधि के साथ-साथ हिंदी कविता एवं गद्य के क्षेत्र में भी श्री मिश्र की लेखनी अनवरत सक्रिय रही है। अद्यतन श्री मिश्र के कुल सात कविता-संग्रह ‘यह धूप-छाँव’, ‘यह आकर्षण’, ‘हो हिमालय नया, अब हो गंगा नई’, ‘चाँद सिरहाने रख’, ‘बाँह खोलो, उड़ो मुक्त आकाश में’, ‘बस यही स्वप्न, बस यही लगन’, ‘दीपशिखा सा जीवन है’ एवं ‘युग गीत उसी के गाएगा’ प्रकाशित हो चुके हैं। इन सभी संग्रहों की रचनाएँ हिंदी साहित्य जगत् में अत्यधिक रुचि, उल्लास एवं गंभीरता के साथ स्वीकार की गई हैं।