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Kuchh Idhar Ki, Kuchh Udhar Ki   

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Author Dr. R.K. Sinha
Features
  • ISBN : 9789355622860
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Dr. R.K. Sinha
  • 9789355622860
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 240
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

"जैसा कि नाम से जाहिर होता है, ' कुछ इधर की, कुछ उधर की ' जाने-माने राजनेता, पत्रकार और लेखक श्री रविंद्र किशोर सिन्हा (आर.के. सिन्हा) के चुनिंदा सामयिक आलेखों का संग्रह है। सिन्हाजी देश-दुनिया की प्रमुख घटनाओं पर समय-समय पर लिखते-बोलते रहते हैं। अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान भी वह मुखरता से अपनी बात कहते रहे हैं। अब भी लिख-बोलकर अपने होने का अहसास कराते रहते हैं।

समाज की घटनाओं पर मूक दर्शक रहना उन्हें गवारा नहीं है। इनमें से कुछ आलेख भले ही समय की धूल के साथ पुराने लगते हों, लेकिन यह अपने समय के दस्तावेज हैं। इनकी प्रासंगिकता कभी समाप्त नहीं होगी । प्रस्तुत पुस्तक में खेती-किसानी की बातें हैं तो खेल-खिलाड़ी का भी जिक्र किया गया है। समाज के पिछड़ेपन पर खासकर पसमांदा मुसलमानों की बदहाली और उनके तथाकथित रहनुमाओं की बदमिजाजी पर आशक्षेप किया गया है तो अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय को दरभंगा महाराज द्वारा दी गई आर्थिक मदद का भी जिक्र है।

अयोध्या में भव्य राममंदिर में भले ही रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई हो, लेकिन इसके बनने में आनेवाली कठिनाइयों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अहमियत तथा उपयोगिता कभी समाप्त नहीं होगी। जैसा कि लेखक कहते हैं कि राम हमारे रोम-रोम में हैं और रहेंगे। पुस्तक का हर आलेख अपनी प्रासंगिकता का अहसास कराता है।  उम्मीद है कि यह पुस्तक संग्रहणीय होगी और शोधकर्ताओं के काम आएगी ।"

The Author

Dr. R.K. Sinha

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