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Kuchh Sapne, Kuchh Sansmaran   

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Author Achyutanand Mishra
Features
  • ISBN : 9789355621849
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Achyutanand Mishra
  • 9789355621849
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 232
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

"हिंदी पत्रकारिता को स्वतंत्रता के बाद भी अंग्रेजी पत्रकारिता से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी थी। आज स्वतंत्रता के अमृतकाल में हिंदी पत्रकारिता ने जो हैसियत प्राप्त कर ली, उसके पीछे कुछ पत्रकारों का निरंतर संघर्ष ही रहा है। माधवराव सप्रे और भारतेंदु हरिश्चंद्र से लेकर इंद्र विद्यावाचस्पति, गणेश शंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी, बनारसीदास चतुर्वेदी आदि अनेक स्वनामधन्य पत्रकारों के नाम लिये जा सकते हैं।

उसी कड़ी में हमारे अपने समय में अज्ञेय, धर्मवीर भारती, मनोहरश्याम जोशी, विद्यानिवास मिश्र, प्रभाष जोशी, राजेंद्र माथुर का उल्लेख किए बिना हिंदी पत्रकारिता की संघर्ष-गाथा का सम्यक् चित्र सामने नहीं आ सकता। इसी कड़ी में बनवारी और अच्युतानंद मिश्र के साथ जवाहरलाल कौल को शामिल करना पड़ेगा।

प्रस्तुत पुस्तक के लेखक अच्युतानंद मिश्र ने हिंदी भाषा और हिंदी पत्रकारिता की गरिमा के लिए लंबे समय तक वैचारिक संघर्ष को जीवंत रखा। एक पत्रकार के रूप में, एक विचारक के रूप में, एक कुलपति के रूप में और एक अध्येता के रूप में ख्याति अर्जित करने वाले मिश्रजी के विभिन्न अवसरों और विभिन्न विषयों पर लिखे आलेखों का यह संग्रह व्यक्तित्व और विचारों की सम्यक् झलक देता है।"

The Author

Achyutanand Mishra

पत्रकारिता और पत्रकारों के सरोकारों से जुड़ा एक नाम। संप्रति : माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय, भोपाल के महानिदेशक।

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