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"कुल्ली भट सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण उपन्यास है, जो उनके साहित्यिक योगदान में एक विशेष स्थान रखता है। यह उपन्यास उनके गहरे सामाजिक और मानसिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है, जिसमें उन्होंने समाज के निचले वर्ग, उनकी समस्याओं और संघर्षों को बड़े प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया है।
कुल्ली भट एक चरित्र-आधारित उपन्यास है, जिसमें कुल्ली भट नामक एक पात्र की जीवन यात्रा को केंद्रित किया गया है। कुल्ली भट एक गरीब और मेहनती व्यक्ति है, जो अपने जीवन में गरीबी, सामाजिक भेदभाव और असमानताओं का सामना करता है। यह उपन्यास उस समय के समाज की आर्थिक और सामाजिक स्थितियों की गहरी आलोचना करता है। कुल्ली भट के माध्यम से निराला ने समाज की कुरीतियों और असमानताओं को उजागर किया है। उपन्यास की कहानी उस संघर्ष की है जो एक सामान्य आदमी को अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए करना पड़ता है।"