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कुसुम खेमानी के नारी-विमर्श की प्रकृति एकदम भिन्न है। वे अपनी स्त्री-चरित्रों का ऐसा उदात्तीकरण करती हैं कि वे इस धरती की होते हुए भी अपने अनोखे व्यक्तित्व के कारण किसी और ही लोक की लगती हैं। जडि़याबाई उपन्यास भी एक ऐसी ही स्त्री के उत्कर्ष की गाथा है, जो धनाढ्य परिवार की होने के बावजूद धुर बचपन से ही प्राणी के लिए संवेदनशील और करुणामयी है एवं खरे जीवन-मूल्यों में जीती हुई आश्चर्यजनक ढंग से शुरू से ही गांधीजी की ट्रस्टीशिप सिद्धांत की घोर अनुयायी बन जाती है।
जडि़याबाई कथनी में ही नहीं करनी में भी पंचशील के पाँचों सिद्धांतों का अनुशीलन करती है और सर्वे भवन्तु सुखिनः के लिए अपना ‘तन-मन-धन’ सबकुछ अर्पित कर देती है।
जडि़याबाई का आचार-व्यवहार समग्र प्रकृति के अणु-अणु के प्रति श्रद्धापूर्ण है। वे पृथ्वी की प्रकृति और इसके वासियों में ही उस परा-लौकिक दिव्य सत्ता को अनुभूत करती रहती हैं और सर्वदा उन्हीं के समक्ष श्रद्धावनत होती रहती हैं। वे उस असीम
को मंदिर, मसजिद और शिवालों में नहीं ढूँढ़ती, बल्कि यहाँ की मिट्टी के कण-
कण में उसकी उपस्थिति को महसूस करती रहती हैं।
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अनुक्रम
1. पुरुष-सती—7
2. एक माँ धरती सी!... 16
3. वे लड़कियाँ—23
4. प्रेमवती पुरुष—31
5. न्याय चक्र—41
6. अनुगूँज जिंदगी की—53
7. एक बंदा रश्क-ए-खुदा—64
8. उड़ान पिंजरे के परिंदे की—74
9. बंद पिंजरे खोलतीं रतन बाईसा—85
10. रागातीत राग—99
11. अँधेरे भेदती रजिया—105
12. राज्यपाल ऐसा?—115
13. लावण्यदेवी—120
14. एक जर्रा आकाश छूता—149
15. सच का आईना—161
16. घोंघा प्रसाद—167
शिक्षा : एम.ए. (फर्स्ट क्लास), पी-एच.डी. (कलकत्ता विश्वविद्यालय)।
रचना-संसार : सचित्र हिंदी बालकोश, हिंदी-अंग्रेजी बालकोश, हिंदी नाटक के पाँच दशक, सच कहती कहानियाँ, एक अचंभा प्रेम, अनुगूँज जिंदगी की (कहानी-संग्रह), एक शख्स कहानी सा (जीवनी), कहानियाँ सुनाती यात्राएँ (यात्रा-वृत्तांत), कुछ रेत...कुछ सीपियाँ...विचारों की (ललित निबंध), लावण्यदेवी, जडि़याबाई (उपन्यास)।
अनुवाद एवं संपादन : जन-अरण्य (उपन्यास, शंकर), चश्मा बदल जाता है (उपन्यास, आशापूर्ण देवी), ज्योतिर्मयी देवी के कहानी-संग्रह का अनुवाद एवं संपादन, वागर्थ का संपादन।
‘सच कहती कहानियाँ’ की कथाभाषा पर डॉ. सुहासिनी (तमिल), करमजीत कौर (पंजाबी), विनीता सिंह (हिंदी) एवं अंजना कुकरैती (कन्नड़) द्वारा शोध। ‘रश्मिरथी माँ’ कहानी पर बांग्ला में टेलीफिल्म का निर्माण।
पुरस्कार-सम्मान : ‘कुसुमांजलि साहित्य सम्मान’, ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘हरियाणा गौरव सम्मान’, ‘रत्नीदेवी गोइन्का वाग्देवी पुरस्कार’, ‘पश्चिम बंग प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन पुरस्कार’, ‘भारत निर्माण सम्मान’, ‘कौमी एकता पुरस्कार’, ‘भारत गौरव सम्मान’ एवं ‘समाज बंधु पुरस्कार’।
संपर्क : 3-बी, अस्टर कोर्ट, 3 लाउडन स्ट्रीट, कोलकाता-700017
इ-मेल : kusumkhemani1@gmail.com