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जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित करना, फिर उन्हें पाने के लिए अथक परिश्रम करना सबसे जरूरी है। बिना लक्ष्य तय किए कोई भी काम किया जाए, उसकी सफलता में संदेह हमेशा बना रहता है। इसलिए लक्ष्य तय करें और फिर प्राणपण से उनकों सिद्ध करने के लिए अपनी सारी क्षमता और ताकत लगा दें। लक्ष्य-निर्धारण और लक्ष्य-प्राप्ति के बीच के सफर को ठीक तरह से तय करने का मार्ग प्रशस्त करनेवाले प्रैक्टिकल फंडों का संकलन है यह पुस्तक।
चाहे स्टीव जॉब्स हों, थामस अल्वा एडिसन या नारायण मूर्ति हों, इनमें से
एन. रघुरामन
मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।
श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।
इ-मेल : nraghuraman13@gmail.com