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देश को स्वतंत्र कराने के लिए अनेक नेताओं ने अपने प्राणों की आहुति दी। अंग्रेजों के अत्याचारों का डटकर सामना किया। अपनी निर्भीकता से देश के वीर सपूतों एवं वीरांगनाओं ने अंग्रेजों की मनमानियों को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरदार वल्लभभाई पटेल भी उनमें से एक हैं। उन्हें उनकी निर्भीकता, कठिनाइयों का डटकर सामना करने, कार्य के प्रति लगन एवं व्यवहारकुशलता के कारण ‘लौहपुरुष’ का सम्मान दिया गया। सरदार पटेल ने अपना सर्वस्व देश को समर्पित कर दिया, यहाँ तक कि उनका व्यक्तिगत जीवन भी देश के सामने कुछ नहीं रहा। उन्होंने जन्म लिया ही था देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए। देश के छोटे-छोटे राज्यों का एकीकरण उन्हीं के द्वारा किया गया। वे अपनी वाक्पटुता से बचपन से ही विरोधियों को पराजित करते रहे और अपने मार्ग पर बढ़ते रहे।
उनका जीवन बेहद संघर्षमय रहा। यदि यह कहा जाए कि वे अपने जीवन में तलवार की धार पर चलते रहे, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने अपनी सूझ-बूझ से राज-रजवाड़ों में बँटे देश को अखंड बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस पुस्तक में उनके जीवन की कुछ घटनाओं को यहाँ कथाओं के रूप में समेटने का एक विनम्र प्रयास किया गया है। इन कथाओं के माध्यम से पाठकों को लौहपुरुष सरदार पटेल के तपस्वी, त्यागपूर्ण, कर्तव्यनिष्ठ व अपार देशभक्ति की झलक मिलेगी।
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अनुक्रम
प्राक्कथन —Pgs. 7
1. धर्म ऋण —Pgs. 13
2. निर्भीकता का गुण —Pgs. 15
3. शिक्षक का बहिष्कार —Pgs. 17
4. दो सौ के पहाड़े —Pgs. 19
5. धनी की मूँछें —Pgs. 21
6. सहनशीलता —Pgs. 23
7. समानता की भावना —Pgs. 25
8. एकता का संदेश —Pgs. 27
9. धैर्य का प्रमाण —Pgs. 29
10. बालक का साहस —Pgs. 31
11. वल्लभ की एकाग्रता —Pgs. 33
12. एक ही सरदार —Pgs. 35
13. म्यूनिसिपैलिटी में सुधार —Pgs. 37
14. देश विभाजन —Pgs. 39
15. असहनीय पीड़ा —Pgs. 41
16. यशगाथा —Pgs. 43
17. विवेकपूर्ण तर्कसंगत निर्णय —Pgs. 45
18. मार्ग का पत्थर —Pgs. 47
19. धूम्रपान का त्याग —Pgs. 49
20. सच्चाई का मार्ग —Pgs. 51
21. शब्दों की कला —Pgs. 53
22. समूह में बाँटना —Pgs. 55
23. वल्लभ की चतुराई —Pgs. 57
24. लोगों की एकजुटता —Pgs. 59
25. संपत्ति की रक्षा —Pgs. 61
26. मुँहतोड़ जवाब —Pgs. 63
27. अन्याय का प्रतिकार करें —Pgs. 65
28. हिंसक-अहिंसक बहिष्कार —Pgs. 67
29. आपसी फूट से दूर रहें —Pgs. 69
30. मनुष्यता सार्थक करें —Pgs. 71
31. पीड़ितों का अफसर —Pgs. 73
32. नीम की चटनी —Pgs. 75
33. युवा सिंह —Pgs. 77
34. असहयोग आंदोलन के आदर्श —Pgs. 79
35. व्यावहारिक ज्ञान में अव्वल —Pgs. 81
36. भैंसों का कोसना —Pgs. 83
37. भाषण पर रोक —Pgs. 85
38. कांग्रेस की बागडोर —Pgs. 87
39. हास्य कला के धनी —Pgs. 89
40. निवाड़ की चारपाई —Pgs. 91
41. राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ —Pgs. 93
42. मालिक व चौकीदार —Pgs. 95
43. युवाओं को प्रोत्साहन —Pgs. 97
44. भारत के नव निर्माता —Pgs. 99
45. काठियावाड़ का सम्मेलन —Pgs. 101
46. कृषक है महान् —Pgs. 103
47. राष्ट्र के सरदार —Pgs. 105
48. बाढ़ से बचाव —Pgs. 107
49. सहायता का अनुरोध —Pgs. 109
50. बाढ़ पीड़ितों का पुनर्वास —Pgs. 111
51. राहत कार्य के सरदार —Pgs. 113
52. स्वच्छता का पाठ —Pgs. 115
53. विदेशी कपड़ों का बहिष्कार —Pgs. 117
54. भाइयों में मतभेद —Pgs. 119
55. हर जन हरिजन —Pgs. 121
56. गुलामी को धिक्कार —Pgs. 123
57. सत्याग्रह में वकील —Pgs. 125
58. अडिग निर्णय —Pgs. 127
59. जोखिम में छिपी सफलता —Pgs. 129
60. रेल लाइन का मुकदमा —Pgs. 131
61. किसानों का दर्द —Pgs. 133
62. मवेशियों की तकलीफ —Pgs. 135
63. मवेशी और किसान —Pgs. 137
64. भैंसड़िया बाघ —Pgs. 139
65. बैलगाड़ी का पलटना —Pgs. 141
66. प्रेरक भाषण —Pgs. 143
67. सबके सरदार —Pgs. 145
68. आईने में गवाही —Pgs. 147
69. बेटी ने काती खादी —Pgs. 149
70. धैर्यवान सरदार —Pgs. 151
71. विद्यापीठ की स्थापना —Pgs. 153
72. गुजराती भाषा का सम्मान —Pgs. 155
73. हिंदू-मुसलिम ऐक्य —Pgs. 157
74. गहनों का दान —Pgs. 159
75. जेल का जीवन —Pgs. 161
76. हजामत का उस्तरा —Pgs. 163
77. किसान बन गए सेनानायक —Pgs. 165
78. सम्मान से इनकार —Pgs. 167
79. सरदार के छोटे सरदार —Pgs. 169
80. बेटे को दी सीख —Pgs. 171
81. सरदार पटेल का पेय पदार्थ बनाना —Pgs. 173
82. चुटकी भर खार —Pgs. 175
83. संस्कृत की शिक्षा —Pgs. 177
84. सूत की कताई —Pgs. 179
85. नरीमन की धोखाधड़ी —Pgs. 181
86. सरदार की आदराजंलि —Pgs. 183
87. चुनाव-प्रचार का फंड —Pgs. 185
88. सरदार का बगीचा —Pgs. 187
89. सरदार का इनकार —Pgs. 189
90. उम्मीदवार की धमकी —Pgs. 191
91. मौत का सामना —Pgs. 193
92. सिखों को दी सीख —Pgs. 195
93. आर.एस.एस. के प्रति विचारधारा —Pgs. 197
94. क्रांति की जय —Pgs. 199
95. बनियों का प्रायश्चित्त —Pgs. 201
96. गुजरात क्लब में गांधी —Pgs. 203
97. चंपारन की घटना से बने गांधी भक्त —Pgs. 205
98. बेगारी परंपरा पर रोकथाम —Pgs. 207
99. 30 जनवरी का काला दिन —Pgs. 209
100. माता-सी देखभाल —Pgs. 211
101. अंतिम समय में सूत की चादर —Pgs. 213
रेनू सैनी
जन्म : 1 अप्रैल।
शिक्षा : एम.फिल. (हिंदी)।
प्रकाशन : ‘दिशा देती कथाएँ’, ‘बचपन का सफर’, ‘बचपन मुसकाया जब इन्हें सुनाया’, ‘महात्मा गांधी की प्रेरक गाथाएँ’, ‘कलाम को सलाम’, ‘संत कथाएँ मार्ग दिखाएँ’, ‘सक्सेस गीता : सफल जीवन के 125 मंत्र’, ‘डायमंड लाइफ’, ‘जीवन धारा’, ‘मोदी सक्सेस गाथा’, ‘दीनदयाल उपाध्याय की प्रेरककहानियाँ’, ‘मिशन Impossible’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लौहपुरुष सरदार पटेल के प्रेरकप्रसंग’ एवं ‘शास्त्रीजी के प्रेरकप्रसंग ’।
सम्मान : दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी द्वारा चार बार नवोदित लेखन एवं आठ बार आशुलेखन में पुरस्कृत; ‘बचपन का सफर’ पुस्तक को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बाल साहित्य वर्ग के अंतर्गत ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पाँचवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक ‘वितान’ के अंतर्गत कहानी ‘अद्भुत प्रतिभा’ एवं पाठ्यपुस्तक ‘बातों की फुलवारी’ के अंतर्गत ‘आखरदीप’ कहानी का प्रकाशन। राष्ट्रीय स्तर की अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी से रचनाओं का प्रकाशन व प्रसारण। अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन।
संप्रति : सरकारी सेवा में कार्यरत।
संपर्क : saini.renu830@gmail.com