Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Lok Vyavahar by Dale Carnegie   

₹450

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Dale Carnegie
Features
  • ISBN : 9789352664894
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Dale Carnegie
  • 9789352664894
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 216
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

एक सफल नेता बनने के लिए किसी व्यक्ति को न केवल बढि़या काम करना जरूरी है, बल्कि उसके साथ में एक प्रभावशाली वक्ता होना भी आवश्यक है। सफल नेताओं को अपने फैसलों और शब्दों, दोनों पर पूरा विश्वास होता है। मानव मनोविज्ञान की गहन समझ डेल कारनेगी को अपने पाठकों को जीवन में एक सही और फलदायी विकल्प चुनने में पथ-प्रदर्शन में सक्षम बनाती है। 
यह पुस्तक ‘‘लोक व्यवहार ः प्रभावशाली व्यक्तित्व की कला’’ पाठकों को जिज्ञासोत्तेजक वक्तव्य की कला सिखाते हुए उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाती है।

_________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

पुस्तक-परिचय—5

1. आलोचना से बचें, इससे सुधार नहीं होता—13

2. सच्ची तारीफ करें और कामयाबी को चूमें—28

3. सामनेवाले की बातों को महत्त्व देना सीखें—42

4. गरमजोशी से स्वागत करें और सच्ची दिलचस्पी जगाएँ—61

5. मुसकान बिखेरें और अपना बनाएँ—71

6. नाम में बहुत कुछ रखा है—79

7. धैर्य के साथ दिलचस्पी से लोगों को सुनें—88

8. मनपसंद बातों से मन जीतें—98

9. तारीफ का प्रयोग जादुई छड़ी की तरह करें—103

10. बहस छोड़ें और लोगों को बोलने दें—115

11. अपनी कमियों को खुले दिल से स्वीकारना सीखें—122

12. पराजय से निकालें विजय का सूत्र—133

13. विरोधियों को पक्षधर बनाना कितना आसान—141

14. ‘नहीं’ को ‘हाँ’ में बदलने के प्रयोग—149

15. ज्यादा बोलने से नहीं, सुनने से बात बनती है—154

16. सहयोग पाने के लिए सहयोग करना जरूरी—163

17. नाटकीयता की व्यावहारिकता को समझें—177

18. गलतियाँ निकालने से पहले अच्छाइयाँ गिनाएँ—184

19. आदेश से अधिक कारगर होती है सलाह—193

20. बदलाव मुश्किल है, नामुमकिन नहीं—207

 

 

The Author

Dale Carnegie

(24 नवंबर, 1888-1 नवंबर, 1955)
विश्व-प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक एवं व्याख्यानकर्ता,  जिन्होंने  व्यक्तित्व विकास,  सेल्समैनशिप  प्रशिक्षण, कॉरपोरेट ट्रेनिंग, सार्वजनिक भाषण कला तथा आत्मविकास के विभिन्न कोर्स प्रारंभ किए, जो अत्यंत लोकप्रिय हुए। उनकी पहली पुस्तक ‘हाउ टु विन फ्रेंड्स ऐंड इन्फ्लुएंस पीपल’ 1936 में प्रकाशित हुई, जिसे जबरदस्त सफलता मिली और वह अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर पुस्तक बनी तथा आज तक बनी हुई है। उन्होंने अब्राहम लिंकन की एक जीवनी ‘लिंकन ः दि अननोन’ के अलावा कई अन्य बेस्टसेलर पुस्तकें लिखी हैं।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW