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जीवन मै जिन छोटी-छोटी बातों को महत्त्वहीन समझकर हम नजरअंदाज करते रहते हैं, वही आगे चलकर हमारी सफलता- असफलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं ।
प्रसिद्ध लेखक सूर्या सिन्हा का कहना है कि हमारी असफलता का मुख्य कारण यह है कि हम लोगों को अपना नहीं बना पाते और न ही किसी के बन पाते हैं । जीवन की भागमभाग में हम खुलकर किसी से अपनी भावनाएँ व्यक्त नहीं कर पाते अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाते, जिससे हमारे अपने जीवन में, घर में, मित्रों में, रिश्तेदारों में और समाज में पारस्परिक दूरियाँ बढ़ रही हैं ।
मानवीय व्यवहारों पर आधारित यह एक उत्कृष्ट पुस्तक है, जो मौन को तोड़ती है और समता, ममता एवं प्यार से हमें एक-दूसरे से जोड़ती है । आज के वातावरण में जीवन में सफलता पाने का एकमात्र उपाय है कि हम लोगों को अपना बनाना सीखें ।
प्रस्तुत पुस्तक ' लोगों को अपना कैसे बनाएँ ' आपसी दूरियों और अकेलेपन को मिटाकर नई भावना, नई सोच और सबको अपना बनाने के द्वार खोलने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगी, जिससे हम जीवन में सुख- सफलता अवश्य प्राप्त कर सकेंगे ।
सूर्या सिन्हा अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त ‘मानव प्रशिक्षक एवं प्रेरक’ के रूप में स्थापित हैं। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत थिएटर व संप्रेषण कला के माध्यम से की और मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म एडिटर के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने कई प्रसिद्ध बैनरों के लिए सीरियल एवं प्रचार-फिल्में बनाईं, जो सैटेलाइट चैनलों पर प्रसारित हुईं।
साथ ही लेखन के क्षेत्र में भी उन्होंने अपूर्व लोकप्रियता हासिल की। उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में प्रमुख हैं—‘नेटवर्क मार्केटिंग : सवाल आपके, जवाब सूर्या सिन्हा के’, ‘क्या है नेटवर्क मार्केटिंग—जानिए’, ‘जीवन के प्रेरक’, ‘आई एम द विनर’ (अंग्रेजी में), ‘कैसे पाएँ सफलता नेटवर्क मार्केटिंग में’, ‘आओ बनें सफल वक्ता’, ‘अपनी याददाश्त कैसे बढ़ाएँ’, ‘लोक-व्यवहार’, ‘सफलता के अनमोल सूत्र’ आदि।
सूर्या सिन्हा सक्रिय सामाजिक भागीदारी के बीच समाज को ‘रक्तदान शिविर’, ‘बाल-जागरूकता शिविर’, ‘फ्री मेडिटेशन कैंप’, ‘शिक्षण शिविर’, ‘वृद्ध सेवा समूह’ आदि सेवाएँ भी प्रदान करते रहते हैं।