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अनूठा व्यंग्य शिल्पी
मनोहर पुरी में वैचारिक संप्रेषण संसार रचने की अपूर्व विशेषता है। वे दुखती रग को पहचानते हैं। वे उपदेष्टा नहीं हैं, किंतु एक उपदेशकीय दृष्टि की सृष्टि अवश्य ही रच देते हैं। उनके व्यंग्य का कैनवास बहुआयामी तथा सर्वग्राही है। उनकी व्यंग्य-क्षुधा किसी भी विद्रूपता या विडंबना को वर्ज्य नहीं मानती।
—बालेंदु शेखर तिवारी
स्पष्ट दृष्टिकोण का व्यंग्यकर्मी
मनोहर पुरी एक ऐसे सजग, चिंतनशील रचनाकार हैं जो अपने स्पष्ट दृष्टिकोण एवं विचारधारा के तहत राजनीतिक क्षेत्र में व्याप्त विसंगतियों की व्यंग्यात्मक आलोचना कर रहे हैं। उनकी रचनाओं में व्यंग्य के नए शिल्प की पकड़ दिखाई देती है। गद्यात्मक व्यंग्य रचनाओं में पद्य की एक अलग लय है, जो पाठक को कविता का आनंद देती है।
—प्रेम जनमेजय
विशिष्ट शैली के रचनाकार
मनोहर पुरी का व्यंग्य-संसार बहुत विस्तृत है। उन्होंने राजनीति, समाज, संस्कृति, प्रशासन, धर्म आदि क्षेत्रों की विसंगतियों की बहुत गहरे तक जाकर पड़ताल की है। उनकी शैली में एक अलग किस्म का चुटीलापन है।
—सुभाष चंदर
तेजाबधर्मी व्यंग्य हस्ताक्षर
मनोहर पुरी के व्यंग्य में एक पत्रकार की खोजी ‘दीठ’ है, जो उनके लेखकीय कैनवास को विराट् आयाम देती है। उनकी व्यंग्य भाषा में एक निश्चित ‘राग’ है, जो उसे काव्यमय बना देता है। इसीलिए इनका व्यंग्य-शूल तुकांत शैली की पंखुड़ियों में छुपकर चुभन का दंश देता है।
—नंदलाल कल्ला
जन्म : 2 अक्तूबर, 1944।
शिक्षा : एम.ए. (राजनीति विज्ञान)।
कृतित्व : प्लेटो और अरस्तू के दार्शनिक सिद्धांत, दो साम्यवादी व्यवस्थाएँ, प्राचीन यूनानी, विचारक, समकालीन भारत एवं ट्रकवाहिनी रेल व्यवस्था (समीक्षात्मक ग्रंथ), जिंदगी और जुगाड़, उन्नीस महीने (उपन्यास), अतीत की परछाइयाँ (लघु काव्य), सीप में समुद्र (कविता-संग्रह), मेरा भारत महान्, चंद बीवियों की तलाश, जूठन, रौंदकर दौडि़ए, लोकतंत्र के पाये और शतरंज के प्यादे (व्यंग्य-संग्रह), तूलिका और यूँ ही कह दिया होगा (कहानी-संग्रह) तथा सैकड़ों बाल कहानियों के रचयिता।
हिंदी, अंग्रेजी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में संचार, पत्रकारिता, पर्यटन, पर्वतारोहण इत्यादि विषयों पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित। गत 45 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं अन्य अनेक प्रतिष्ठित भारतीय एवं विदेशी संचार माध्यमों में लेखन।
सम्मान : हिंदी अकादमी, दिल्ली का साहित्यकार सम्मान, रेल मंत्रालय का ‘तकनीकी-मौलिक लेखन पुरस्कार’, ‘भारतीय साहित्य रत्न सम्मान’, ‘बहुमुखी प्रतिभा रत्न’, ‘पत्रकार रत्न सम्मान’।
संप्रति : बहुभाषायी समाचार एवं प्रसंग लेख सेवा एक्सप्रेस मीडिया सर्विस के राजनीतिक संपादक।