₹350
"25-26 जून, 1975 की मध्यरात्रि को आपातकाल लागू किया गया था। बड़े-बड़े नेताओं को बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घरों से उठा लिया गया। जो किसी कार्यवश अपने शहर से बाहर थे, उनके लौटने तक की प्रतीक्षा नहीं की गई, उन्हें उस शहर से ही गिरफ्तार कर लिया गया। जयप्रकाश नारायण जैसे दिग्गज नेता को उनकी अस्वस्थता की स्थिति में, बिना किसी पूर्व सूचना के गांधी शांति प्रतिष्ठान से गिरफ्तार कर लिया गया। सत्ताधीशों ने बूढ़े और बीमार जे.पी. की आयु का भी लिहाज नहीं किया था।
कितनों को यह भी नहीं पता था कि उन्हें कहाँ लेकर जाया जा रहा है? कइयों के परिवारवालों को अपने आत्मीय के गिरफ्तार होने तक की सूचना नहीं थी! कुछ को अपनों की गिरफ्तारी के विषय में तो पता था, किंतु वे यह नहीं जानते थे कि उन्हें कहाँ रखा गया है?
इमरजेंसी के पूरे दौर में राजनीतिक व्यक्तियों के अलावा लेखकों और पत्रकारों ने भी अत्यंत उत्पीडऩ झेला। फणीश्वरनाथ रेणु, नागार्जुन, भवानी प्रसाद मिश्र, सुरेंद्र मोहन पाठक, डॉ. रघुवंश, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, कुलदीप नैयर, कुमार प्रशांत, सूर्यकांत बाली, विक्रम राव, वीरेंद्र कपूर, श्याम खोसला, देवेंद्र स्वरूप, दीनानाथ मिश्र, प्रभाष जोशी, रामबहादुर राय आदि पर आपातकाल का कहर बरसा, लेकिन फिर भी ये लोग सरकार के आगे नहीं झुके।"
डॉ. रश्मि
जन्म : 18 जनवरी, 1974 कानपुर (उत्तर प्रदेश)।
शिक्षा : पी-एच.डी. (कबीर काव्य का भाषा शास्त्रीय अध्ययन)।
प्रकाशित पुस्तकें : ‘और आगे बढ़ते रहो’, ‘रामकृष्ण परमहंस के 101 प्रेरक प्रसंग’, ‘व्हाट्सअप रिश्ते-नातों की कहानियाँ’, ‘अशोक चक्र विजेता’, ‘भारत रत्न से सम्मानित व्यक्तित्व’, ‘कलाम की आत्मकथा’, ‘मीराबाई’, ‘कलाम, तुम लौट आओ’ एवं ‘अटल जीवनगाथा’।
कृतित्व : विभिन्न समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में लेख, कविताएँ, कहानियाँ एवं पुस्तक-समीक्षाएँ प्रकाशित। दूरदर्शन, अन्य चैनलों एवं आकाशवाणी पर प्रस्तुति। दिल्ली एवं देश के अन्य शहरों में मंच पर काव्य-प्रस्तुति।
सम्मान : डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेमोरियल अवार्ड, राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड, आगमन सम्मान एवं डॉ. विवेकी राय सम्मान प्राप्त।
संप्रति : लेखन व अध्यापन।
संपर्क : 9971711337
rashmi.author@gmail.com