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मधु कोड़ा लूट राज—श्री सरयू राय प्रस्तुत पुस्तक झारखंड के मुख्यमंत्री मधुकोड़ा के कार्यकाल में भ्रष्टाचार से हासिल किए गए अवैध धन को हवाला के जरिए विदेश ले जाने, स्वीडिश होल्डिंग कंपनी में डालने, इस कंपनी को नास्डाक में सूचीबद्ध करने, उद्योग लगाने की साजिश रचने के बारे में एक प्रामाणिक दस्तावेज है।
श्री कोड़ा सितंबर 2006 से अगस्त 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। इस अवधि में झारखंड भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया। कमीशनखोरी द्वारा अरबों रुपए की नाजायज वसूली हुई। अवैध धन को वैध करने के लिए 100 से अधिक कंपनियाँ बनाई गईं। ई-बैंकिंग के माध्यम से काले धन को विदेश में स्थानांतरित किया गया। सरयू राय ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया, इसके अंतरराष्ट्रीय आयाम को उजागर किया, विधानसभा में और उसके बाहर भ्रष्टाचार का यह मामला उठाया। परंतु राज्य और केंद्र सरकार ने इसका संज्ञान नहीं लिया।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय ने जाँच की तो आरोप सही पाए गए। अब इसकी जाँच सी.बी.आई. कर रही है।
यह पुस्तक मधु कोड़ा लूट राज के विविध आयाम और इसमें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति की नामी-गिरामी कंपनियों की संलिप्तता को उजागर करती है।.
11 जुलाई, 1949 को बिहार के शाहाबाद (बक्सर) जिले के गाँव खनीता में जन्म।
स्नातक पटना साइंस कॉलेज से और स्नातकोत्तर (भौतिकी) पटना विश्वविद्यालय से।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् एवं बिहार छात्र-जन आंदोलन में सक्रियता, आपातकाल के दौरान भूमिगत कार्य एवं भूमिगत पत्रिका ‘लोकवाणी’ के संपादन एवं प्रसार में सहयोग। 1977 में संगठन मंत्री, जनता युवा मोर्चा, बिहार के रूप में राजनीतिक क्षेत्र में कार्य आरंभ। 1980 से 1984 के बीच बिहार प्रदेश जनता पार्टी के महामंत्री। 1984 से 1992 तक सक्रिय राजनीति से इतर जे.पी. विचार मंच, खेतिहर मंच, सोन अंचल किसान संघर्ष समिति आदि जन संगठनों के माध्यम से सामाजिक कार्य, एवं स्वतंत्र पत्रकारिता। मासिक पत्रिका ‘कृषि बिहार’ का संपादन। भाजपा प्रदेश महामंत्री, प्रदेश प्रवक्ता एवं वनांचल क्षेत्र समिति प्रभारी।
1997 से 2004 के बीच बिहार विधान परिषद् के सदस्य; 2005 से 2009 तक झारखंड विधान सभा के सदस्य। दामोदर बचाओ आंदोलन, जल जागरूकता अभियान, स्वर्णरेखा प्रदूषण मुक्ति अभियान, सारदा संरक्षण अभियान, सोन अंचल विकास समिति, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा संगठन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण एवं गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में सक्रियता।