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"सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ने महाभारत पर आधारित एक उपन्यास लिखा, जिसे वे भारतीय महाकाव्य महाभारत की गहरी समझ और दृष्टि से प्रस्तुत करते हैं। इस काव्यात्मक उपन्यास में निराला ने महाभारत की घटनाओं और पात्रों को नए दृष्टिकोण से चित्रित किया है और उसके मूल तत्वों को अपने समय के संदर्भ में समझने का प्रयास किया है।
महाभारत भारतीय इतिहास और संस्कृति का सबसे बड़ा महाकाव्य है, जिसमें कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का विवरण है। निराला ने इस उपन्यास में महाभारत की कथाओं को न केवल एक ऐतिहासिक या युद्धकथा के रूप में प्रस्तुत किया है, बल्कि उन्होंने इसे मानवता, नैतिकता, धर्म, और सामाजिक मूल्यों की गहरी परीक्षा के रूप में चित्रित किया है।
इस उपन्यास के माध्यम से निराला ने यह बताया कि महाभारत का युद्ध केवल बाहरी संघर्ष नहीं, बल्कि एक आंतरिक और मानसिक युद्ध भी है, जिसमें हर व्यक्ति को अपने धर्म और कर्म का पालन करना होता है।"