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हर भाषा में कथा-साहित्य सबसे समृद्ध साहित्य-विधा है और कहानी पाठकों का सबसे बड़ा आकर्षण रही है। कहानी के लिए कोई विषय वर्ण्य नहीं होता, भावना की उत्कटता ही कहानी का प्राण होता है। मराठी की प्रसिद्ध लेखिका शुभांगी भडभडे मराठी साहित्य को दस कहानी-संग्रह भेंट कर चुकी हैं, परंतु हिंदीभाषियों के लिए यह उनका प्रथम कहानी-संग्रह है। इस संग्रह में हर ऋतु की कहानी है ; हर पल, हर घड़ी की कहानी है; हर उत्कट भावना तथा संवेदना की कहानी है। मनुष्य के आस-पास घटित होनेवाले प्रत्येक क्षण एवं प्रत्येक संवाद की कहानी हैं।
प्रस्तुत संग्रह ‘महकती बगिया’ की कहानियाँ वास्तविकता पर आधारित हैं। ये कहानियाँ जूही की तरह सुगंधमय बरसात करती हैं, बेला की महक लेकर तपती ग्रीष्म को महकाती हैं। पाठक इन कहानियों में समाज में दिन-प्रतिदिन घटती घटनाएँ एवं अपने आस-पास का वातावरण महसूस करेंगे। उन्हें ये अपनी कहानी लगेंगी।
जन्म : 21 दिसंबर, 1942 को बंबई में।
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), साहित्य रत्न।सौ. शुभांगी भडभडे मराठी की अत्यंत लोकप्रिय एवं प्रख्यात साहित्यकार हैं। पौराणिक, ऐतिहासिक और सामाजिक घटना-प्रतिघटनाओं से प्रभावित होकर अपनी खास शैली में लिखनेवालों में उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है।
कृतियाँ : ग्यारह चारित्रिक तथा अठारह सामाजिक उपन्यास, पाँच कथा-संग्रह, बारह एकांकी। विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद कार्य के अतिरिक्त तीन नाटक और स्तंभ लेखन; साथ ही किशोर साहित्य। दूरदर्शन व आकाशवाणी पर नाटकों का प्रसारण तथा वार्त्ता आदि।
सम्मान-पुरस्कार : महाराष्ट्र साहित्य सभा का ‘कविता पुरस्कार’, विदर्भ साहित्य संघ का ‘एकांकी लेखन पुरस्कार’, साहित्य अकादमी, बड़ौदा का ‘कथा पुरस्कार’, ‘कै. सुमन देशपांडे बाल साहित्य पुरस्कार’, ‘बाल उपन्यास पुरस्कार’, अ.भा. नाट्य परिषद्, मुंबई का ‘एकांकी लेखन पुरस्कार’ तथा ‘सारांश’ कथा-संग्रह पर महाराष्ट्र सरकार का ‘उत्कृष्ट वाड्मय पुरस्कार’।