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इस पुस्तक में कोविड-19 और कोरोना के बारे में संपूर्ण और शोधपरक प्रमाणित जानकारियाँ प्रस्तुत की गई हैं। रोग के इतिहास से लेकर कोरोना विषाणु और रोग क्या है, रोग के कौन से लक्षण हैं, रोग की पहचान, जाँचें और इलाज क्या है? रोग से स्वयं को और परिवार को कैसे सुरक्षित रखें और इस खतरनाक रोग से बचने के उपाय इस पुस्तक में विस्तार से दिए गए हैं। कोरोना के टीके के बारे में बतलाते हुए विभिन्न वैज्ञानिक अभिमत और खोजों का भी अध्याय है। पाठकों के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण अध्याय है, लोगों द्वारा सामान्यतया पूछे जानेवाले लगभग 60 प्रश्न और उनके उत्तर। यह अध्याय आपकी सभी शंकाओं का समाधान करेगा। पारिभाषिक शब्दावलियों का भी एक अध्याय है।
प्रथम भाग में संक्रामक रोगों की सामान्य जानकारियों के साथ, रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी के बारे में टीके क्या होते हैं, विवरण देकर बताया गया है। फिर संक्रामक रोगों से बचाव के उपाय दिए गए हैं। पुस्तक के तीसरे भाग में वायरस जनित कुछ अन्य खतरनाक जानलेवा रोगों—सार्स, इबोला, एड्स, स्वाइन फ्लू, हेपेटाटिस, डेंगू, रोटावायरस इत्यादि के बारे में भी पूर्ण जानकारी दी गई है।
इस प्रकार वायरस जनित रोगों पर, विशेषकर कोविड-19 पर यह बहुत ही उपयोगी और प्रामाणिक पुस्तक है।
शिक्षा : बी.एस-सी., एम.बी.बी. एस., एम.डी. (पैथोलॉजी)
रचना-संसार : ‘महारोग एड्स’, ‘रोगों से कैसे बचें’, ‘संतुलित भोजन और खतरनाक रोग’ और ‘संक्रामक रोगों से सुरक्षा’ एवं ‘आँखें हैं तो जहान है’ जैसी चिकित्सा संबंधी 30 बड़ी पुस्तकें और दस छोटी पुस्तिकाएँ प्रकाशित। दो व्यंग्य संकलन ‘नहीं, यह व्यंग्य नहीं है’ तथा ‘मीटिंग चालू आहे’ और एक काव्य संकलन ‘मायने बदल चुके हैं’ एवं एक लघुकथा संकलन ‘टुकड़ा-टुकड़ा सच’ प्रकाशित।
पुरस्कार व सम्मान : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ‘महारोग एड्स’ पर ‘डॉ. मेघनाद साहा राष्ट्रीय पुरस्कार’ (प्रथम), राजभाषा विभाग, बिहार सरकार द्वारा ‘आर्यभट्ट पुरस्कार’। ‘रोगों से कैसे बचें’ पर ‘डॉ. मेघनाद साहा राष्ट्रीय पुरस्कार’। ‘संतुलित भोजन’ पर ‘राजीव गांधी मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार’ प्राप्त। ‘राजभाषा गौरव पुरस्कार’ मान. राष्ट्रपतिजी द्वारा प्रदान किया गया एवं ‘विज्ञान भूषण सम्मान’ के साथ कुल 12 सम्मान प्राप्त।
संप्रति : स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति लोगों को जाग्रत् करने की मुहिम में शामिल और रक्तदान एवं अन्य चिकित्सा शिविरों के आयोजन में भागीदारी, साथ ही साहित्य सृजन।