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Mahan Karmayogi Jannayak Karpuri Thakur (Vol 1)   

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Author Bhim Singh
Features
  • ISBN : 9789350485576
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Bhim Singh
  • 9789350485576
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2014
  • 320
  • Hard Cover

Description

सागरवत् गंभीर, आकाशवत् विशाल, दिशावत् विस्तीर्ण एवं गंगावत् पवित्र जननायक श्री कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिलांतर्गत पितौझिआ ग्राम में हुआ। उन्होंने 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पटना विश्‍वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में पास की। 1942 का असहयोग आंदोलन छिड़ गया तो उसमें कूद पड़े। परिणामस्वरूप 26 महीने तक भागलपुर कैंप जेल में जेल-यातना भुगतने के उपरांत 1945 में रिहा हुए।

1948 में आचार्य नरेंद्रदेव एवं श्री जयप्रकाश नारायण के समाजवादी दल में प्रादेशिक मंत्री बने। सन् 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संसोपा संयुक्‍त विधायक दल बड़ी ताकत के रूप में उभरी। 1970 में उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया। 1973-77 में वे लोकनायक जयप्रकाश के छात्र-आंदोलन से जुड़ गए। 1977 में  समस्तीपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने। 24 जून, 1977 को पुनः मुख्यमंत्री बने। फिर 1980 में मध्यावधि चुनाव हुआ तो कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में लोक दल बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा और कर्पूरी ठाकुर नेता बने। 

कर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्‍ट विचार और अदम्य इच्छाशक्‍त‌ि बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी और लोग उनके विराट व्यक्‍त‌ित्व के प्रति आकर्षित हो जाते थे। बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उसे प्रगति-पथ पर लाने और विकास को गति देने में उनके अपूर्व योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा। 

कर्मयोगी कर्पूरी ठाकुर के समर्पित, त्यागमय, समाजोपयोगी प्रेरणाप्रद जीवन का दिग्दर्शन कराता ग्रंथ। 

The Author

Bhim Singh

जन्म : 30 नवंबर 1962, ग्राम-बेदौली, जिला-गया (बिहार)।
शिक्षा : बी.एस-सी., डी.आई. एस.एम., एम.ए. (द्वय), एल-एल.बी., पी-एच.डी.।
कृतित्व : स्कूली छात्र रहते हुए सन् 1974 के आंदोलन में विनम्र भागीदारी। एन.सी.सी. कैडेट के रूप में विद्यालय एवं महाविद्यालय काल में राष्ट्र सेवा तथा राष्‍ट्रीय स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व। सन् 1978 के आरक्षण समर्थन आंदोलन में सक्रिय भागीदारी। समाजवाद, सामाजिक न्याय एवं सांप्रदायिक सद्भाव आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी। बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर व डॉ. राममनोहर लोहिया के विचारों तथा जननायक कर्पूरी ठाकुर के कर्मों से प्रभावित। प्रखर छात्र एवं कर्मचारी नेता के रूप में पटना विश्‍वविद्यालय में मशहूर।
राजकीय पॉलिटेक्निक में 12 वर्षों तक अध्यापन। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग तथा द्वितीय क्रीमी लेयर विशेषज्ञ समिति का सदस्य। कर्पूरी फाउंडेशन सहित विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों तथा विधान मंडलीय समितियों की सदस्यता व अध्यक्षता। इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसाइटी, नई दिल्ली का आजीवन सदस्य। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित। हांगकांग, मकाऊ, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर व श्रीलंका की यात्रा।
प्रकाशन : Industrial Peace & Role of Trade Unions in India.
संप्रति : सदस्य, बिहार विधान परिषद् और मंत्री, ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज विभाग।

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