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यह उस ‘शहंशाह’, ‘दि ग्रेट गेंबलर’, ‘खुद्दार’, ‘देशप्रेमी’ की ‘महान’ जीवनगाथा है, जो ‘कभी-कभी’ ‘मजबूर’ ‘एकलव्य’ था। लेकिन ‘अग्निपथ’ पर ‘आज का अर्जुन’ बनकर वह ‘नमक हलाल’ ‘गंगा की सौगंध’ लेकर ‘नि:शब्द’ ‘आखिरी रास्ता’ पार करके ‘मुकद्दर का सिकंदर’ बन गया। उसके ‘नसीब’ ने उस ‘अजूबे’, ‘जादूगर’ को कभी ‘डॉन’ बनाकर ‘जंजीर’ में ‘गिरफ्तार’ किया; कभी ‘शराबी’ का ‘जुर्माना’ लगाकर ‘अंधा कानून’ के ‘खाकी’ के हवाले कर दिया। लेकिन ‘कभी खुशी कभी गम’ की ‘दीवार’ उस ‘मर्द’ के ‘जमीर’ की ‘शान’ को ‘ब्लैक’ नहीं कर सकी। उस ‘कालिया’ की कामयाबी का ‘सिलसिला’ ‘सात हिंदुस्तानी’, ‘राम-‘बलराम’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘गंगा जमुना सरस्वती, ‘बॉम्बे टू गोवा’ तक गाते हैं।
‘आनंद’ ‘खून-पसीना’ नहीं बहाता तो ‘अकेला’ ‘हेरा-फेरी’ करके ‘कुली’ से आगे नहीं बढ़ पाता। लेकिन ‘लावारिस’ ‘रेशमा और शेरा’ को ‘वक्त’ की ‘कसौटी’ पर कसकर वह ‘मंजिल’ तक ले गया और ‘हम’ बोले ‘गॉड तुसी ग्रेट हो’। भारतीय सिनेजगत् के महानायक अमिताभ बच्चन की जीवनगाथा।
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य। हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैंमध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।