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Maharashtra Ki Lokkathayen   

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Author Deepak Hanumantrao Jawane
Features
  • ISBN : 9789355210401
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Deepak Hanumantrao Jawane
  • 9789355210401
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2021
  • 160
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

अब संयुक्त कुटुंब के स्थान पर विभाजित कुटुंब प्रथा का प्रचलन हो गया है। इनमें दादा-दादी अथवा नाना-नानी का कोई स्थान नहीं होता है। इस कारणवश मौखिक कथा-कथन की परंपरा विलुप्त होती नजर आ रही है। भूत, राक्षस, डायन, शैतान आदि की कहानियाँ तो महाराष्ट्र में विपुल मात्रा में पाई जाती हैं। भूतों के बारे में समाज-मानस में एक लोकभावना अवश्य होती है। लेकिन कहानियों के अंत में हम पाते हैं कि मनुष्य की ही विजय होती है और ये नकारात्मक शक्तियाँ हार जाती हैं। अपना अज्ञान और डर, यही भूतों की कहानियों का मूल होता है। लेकिन किसी-किसी कहानियों में भूतों को उपकारी भी बताया गया है। महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में सभी के मुख से कहानी, कानी अथवा कायनी ऐसे शब्द अवश्य निकलते हैं। इन कहानियों में बहुत बार आटपाट नामक एक नगर अवश्य होता था। संस्कृत भाषा में ‘अट्ट’ इस शब्द का अर्थ होता है—बाजार। ‘पाट’ का अर्थ—रास्ता अथवा मार्ग, ऐसा भी लिया जाता है, अर्थात् जहाँ बहुत बड़ा बाजार और बडे़-बडे़ रास्ते हैं, ऐसी सुख-सुविधाओं से युक्त नगर होता था—आटपाट नगर। कहानी सुनानेवाला मनुष्य कई गुणों से युक्त होता था। कथा-कथन की कुशलता उसमें कूटकर भरी होगी तो ही इस कहानी में रंग उतरता था। 
महाराष्ट्र के समृद्ध लोक-जगत् का दिग्दर्शन करवाती हैं, ये लोककथाएँ जो पाठको को वहाँ की संस्कृति, परंपराओं और मान्यताओं से परिचित करवाएँगा तथा ज्ञानपूर्ण मनोरंजन भी करेंगी।

The Author

Deepak Hanumantrao Jawane

दीपक हनुमंतराव जेवणे
जन्म : 24 अगस्त, 1971
शिक्षा : बी. कॉम., एल-एल.बी. द्वितीय वर्ष।
संपादक : ‘ज्येष्ठपर्व’ मासिक।
कार्यकारी संपादक : ‘वैद्यराज’ त्रैमासिक।
अब तक 5 लिखित एवं 25 अनूदित पुस्तकें प्रकाशित। 25 ग्रंथों का संपादन।
कार्यकारी  संपादक :  ‘आधुनिक महाराष्ट्राची  जडणघडण—शिल्पकार चरित्रकोश’। इतिहास, साहित्य, शिक्षण एवं विज्ञान व तंत्रज्ञान, कृषि एवं सहकार, चित्रपट तथा संगीत, दृश्यकला चरित्रकोश प्रकाशित।
महाराष्ट्र राज्य मराठी विश्वकोश निर्मिती मंडळ के पूर्व सदस्य। समन्वयक समरसता अध्ययन केंद्र के हरीकीर्तन प्रबोधिनी।

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