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क्या भारत एक महाशक्ति बन सकता है? इस प्रश्न के उत्तर में राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने महाशक्ति भारत के स्वरूप की जो रूपरेखा, योजनाओं का जो खाका प्रस्तुत किया है वह व्यावहारिक है। पिछले कुछ वर्षों में देश भर के पाँच लाख से अधिक छात्रों से भेंट कर उनसे ‘महाशक्ति भारत’ के स्वप्न को रचनात्मक कार्यों द्वारा साकार करने का आह्वान किया है और बताया है कि वे कौन से कारक हैं जिनसे भारत विकसित राष्ट्र बनने की राह पर चलता हुआ एक महाशक्ति के रूप में उभरकर सामने आने वाला है। विश्व के पाँच विकसित राष्ट्रों में भारत एक हो, इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत देशवासियों के लिए डॉ. कलाम की योजनाएँ और दिशा-निर्देश विकसित भारत के उनके स्वप्न को साकार करने में मदद करते हैं। अनेक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की वर्तमान स्थिति का आकलन करते हुए एक नया लक्ष्य निर्धारित करके उसे प्राप्त करने के उपायों का विश्लेषण करने के साथ ही देश के समग्र विकास में व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर देशवासियों द्वारा निभाई जा सकनेवाली भूमिका को पुस्तक में रेखांकित किया गया है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, जब भारत की युवा शक्ति के समक्ष विकास के विभिन्न महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों—कृषि, उद्योग, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी में कार्य करने के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं, प्रस्तुत पुस्तक की महत्ता और बढ़ जाती है।
राष्ट्रपति डॉ. कलाम की पूर्व-प्रकाशित लोकप्रिय पुस्तकों की ही भाँति सभी छात्रों व युवाओं हेतु प्रेरणाप्रद और उपयोगी पुस्तक। भारत एक महाशक्ति बन सकता है? इस प्रश्न के उत्तर में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने महाशक्ति भारत के स्वरूप की जो रूपरेखा, योजनाओं का जो खाका प्रस्तुत किया है वह व्यावहारिक है। पिछले कुछ वर्षों में देश भर के पाँच लाख से अधिक छात्रों से भेंट कर उनसे ‘महाशक्ति भारत’ के स्वप्न को रचनात्मक कार्यों द्वारा साकार करने का आह्वान किया है और बताया है कि वे कौन से कारक हैं जिनसे भारत विकसित राष्ट्र बनने की राह पर चलता हुआ एक महाशक्ति के रूप में उभरकर सामने आने वाला है। अनेक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की वर्तमान स्थिति का आकलन करते हुए एक नया लक्ष्य निर्धारित करके उसे प्राप्त करने के उपायों का विश्लेषण करने के साथ ही देश के समग्र विकास में व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर देशवासियों द्वारा निभाई जा सकनेवाली भूमिका को पुस्तक में रेखांकित किया गया है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, जब भारत की युवा शक्ति के समक्ष विकास के विभिन्न महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों—कृषि, उद्योग, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी में कार्य करने के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं, प्रस्तुत पुस्तक की महत्ता और बढ़ जाती है।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम की पूर्व-प्रकाशित लोकप्रिय पुस्तकों की ही भाँति सभी छात्रों व युवाओं हेतु प्रेरणाप्रद और उपयोगी पुस्तक।
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अनुक्रम
1. या भारत एक विकसित देश बन सकता है? — 13
2. कृषि और खाद्य संसाधन — 28
3. भौतिक पदार्थ और भविष्य — 39
4. रसायन उद्योग एवं जैव प्रौद्योगिकी — 54
5. भविष्य के लिए निर्माण — 64
6. सामरिक उद्योग — 74
7. सेवाक्षेत्र और भारतीय शिक्षा प्रणाली — 84
8. सभी के लिए स्वास्थ्य — 97
9. आधारभूत ढाँचे का विकास — 106
10. वास्तविक दृष्टिकोण — 117
भारतीय उद्योग परिसंघ (C.I.I.) के प्रमुख सलाहकार और ‘टाइफैक’ (TIFAC) के कार्यकारी निदेशक हैं। वे ‘इसरो’ (ISRO) एवं डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस से सन् 1966-88 तक संबद्ध रहे और उपग्रह कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के अपने लंबे कैरियर में उन्हें विक्रम साराभाई, ब्रह्म प्रकाश, सतीश धवन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, यू.आर. राव जैसे सुविख्यात भारतीय वैज्ञानिकों के साथ काम करने का अवसर मिला। वे संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के साथ मिलकर ‘भारत 2020 : नवनिर्माण की रूपरेखा’ एवं ‘महाशक्ति भारत’ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों के अतिरिक्त ‘चूजिंग कैरियर पाथ्स’ तथा ‘रिमोट सेंसिंग’ पर पुस्तक की रचना की है। अब तक उनके तमिल में चार और अंग्रेजी में दो काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। संपर्क सूत्र : y.s.rajan@ciionline.org/www.ysrajan.com
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के यशस्वी वैज्ञानिकों में से एक तथा उपग्रह प्रक्षेपण यान और रणनीतिक मिसाइलों के स्वदेशी विकास के वास्तुकार हैं। एस.एल.वी.-3, ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ उनकी नेतृत्व क्षमता के प्रमाण हैं। उनके अथक प्रयासों से भारत रक्षा तथा वायु आकाश प्रणालियों में आत्मनिर्भर बना।
अन्ना विश्वविद्यालय में प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक रूपांतरण के प्रोफेसर के रूप में उन्होंने विद्यार्थियों से विचारों का आदान-प्रदान किया और उन्हें एक विकसित भारत का स्वप्न दिया। अनेक पुरस्कार-सम्मानों के साथ उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।
संप्रति : भारत के राष्ट्रपति।