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Mahatma Buddha Ki Kahaniyan   

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Author Bharat Lal Sharma
Features
  • ISBN : 9788189573836
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Bharat Lal Sharma
  • 9788189573836
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2020
  • 176
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

महात्मा बुद्ध ने नश्वर संसार के ताप-कष्टों को दूर करने तथा जीवन का रहस्य जानने के लिए गृहत्याग किया और लंबे समय तक काया-कष्ट सहकर ज्ञान प्राप्त किया; उन्हें जीव-जगत् का बोध हुआ, इसलिए वे ‘बौद्ध’ कहलाए। उन्होंने मानवता को अहिंसा का उपदेश दिया।
कोई गूढ़ या ज्ञान की बात कितनी भी सरल भाषा में कही जाए, तो भी संपूर्ण समझ में नहीं आ पाती है; लेकिन उसे कहानी का रूप दे दिया जाए तो वह सहज ही हमेशा के लिए याद हो जाती है। महात्मा बुद्ध की ये कहानियाँ ऐसी ही हैं। इसमें उनके जीवन की घटनाओं तथा शिक्षाओं को सीधी-सरल भाषा में कहानियों के माध्यम से बताया गया है। ये छोटी-छोटी कहानियाँ अपने आप में अलग-अलग हैं और एक-दूसरी से जुड़ी हुई भी। लेकिन फिर भी कथा- रस से भरपूर हैं।
 इस संकलन में संकलित अहिंसा, सदाचार, परोपकार और मानवीय मूल्यों को बतानेवाली रोचक-प्रेरक कहानियों का पठनीय संकलन।

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अनुक्रम  
भूमिका — 5 47. बुद्ध ने सेठ को — ज्ञान दिया — 77
परमार्थ समर्पित व्यक्तित्व — 7 48. बुद्ध और अछूत — लड़की — 78
लेखक की ओर से — 9 49. फटेहाल व्यक्ति को — सुखी बताया — 79
1. बुद्ध का ज्ञान — 15 50. शिष्य को धैर्य सिखाया — 81
2. बुद्ध का उपदेश — 19 51. मानव का धर्म है — ‘विवेकी’ बनना — 82
3. अहिंसा परमो धर्मः — 21 52. शिष्य को अनूठी — सीख दी — 83
4. बुद्ध की प्रेरणा — 23 53. बुद्ध ने मिठाई खाई — 85
5. बुद्ध का ग्रंथ — 24 54. बुद्ध का शिष्य — अनाथ पिंडक — 86
6. बुद्ध का उत्तर — 25 55. बुद्ध का वैराग्य — 89
7. बुद्ध ने समझाया — 26 56. बुद्ध ने सुभद्र को — शिक्षा दी — 91
8. बुद्ध का शिष्य — 27 57. अनमोल वचन — 93
9. बुद्ध की सहनशीलता — 28 58. बुद्ध का — आत्म-साक्षात्कार — 95
10. बुद्ध और अंगुलिमाल — 29 59. बौद्ध धर्म — 106
11. बुद्ध की मूर्ति — 30 60. त्रिपिटकों का — संकलन — 108
12. बुद्ध और राजकुमार — 32 61. प्रतीत्य समुत्पाद — 110
13. उपदेश से कर्म श्रेष्ठ है — 34 62. बौद्ध धर्म में कर्म — 112
14. बुद्ध का आशीर्वाद — 35 63. बौद्ध धर्म में निर्वाण — 116
15. बुद्ध का प्रेम — 37 64. बौद्ध धर्म में आत्मा — 117
16. बुद्ध और आम्रपाली — 38 65. बौद्ध धर्म का दर्शन — 118
17. बुद्ध का आदेश — 40 66. बौद्ध धर्म में भक्ति — 121
18. सच्चा समर्पण — 42 67. बौद्ध धर्म के पर्व — 123
19. बुद्ध की दृष्टि — 43 68. धम्मपद — 125
20. एक भिक्षु और ब्राह्मण — 45 69. बुद्ध ने कहा-सबका — हित करो — 137
21. ज्ञान और कर्म — 46 70. बुद्ध ने युवक को सत्संग — का महत्त्व समझाया — 138
22. बुद्ध की शिक्षा — 47 71. बुद्ध की शिक्षा से मेहनत — सफल हुई — 140
23. बुद्ध ने जूठा — आम खाया — 48 72. बुद्ध के ज्ञान से सेठ ने — पाया सुख — 141
24. क्रोध के सामने — शांत-भाव रखें — 49 73. बुद्ध की शिक्षा से गाँव — का उद्धार हुआ — 142
25. बुद्ध ने सेवा का — संदेश दिया — 50 74. महात्मा बुद्ध ने दोनों — भाइयों को सुधारा — 143
26. जब बुद्ध महात्मा — बन गए — 51 75. सेठ ने बुद्ध से जाना — सच्चा संपन्न होना — 144
27. व्यक्ति कर्म से महान् — बनता है — 52 76. राजकुमार ने जानी — कर्म की महत्ता — 146
28. जीवन का संतुलन — आवश्यक है — 53 77. परमात्मा समभाव में — घटी अनुभूति — 147
29. मैं आत्म-विजय का — पथिक हूँ — 54 78. बुद्ध ने बताया शांति पाने — का उपाय — 148
30. कौन-कौन मोक्ष — चाहता है? — 55 79. दान में नहीं होना चाहिए — अहंकार — 150
31. बुद्ध ने आनंद को — नियुक्त किया — 56 80. अशोक सिद्ध हुए सच्चे — उत्तराधिकारी — 151
32. एक भिक्षु ने राजा को — ज्ञान दिया — 57 81. ज्ञान की सार्थकता — 153
33. आत्म-साक्षात्कार — आवश्यक है — 58 82. सम्यक्-ज्ञान — 154
34. बुद्ध का समत्व भाव — 59 83. मौन रहने का महत्त्व — 156
35. बुद्ध पुनः साधना में — लग गए — 60 84. बुद्ध ने संयम — सिखाया — 157
36. बुद्ध से यक्ष ने — क्षमा माँगी — 62 85. सत्य की प्राप्ति में ही — स्थायी सुख है — 158
37. एक क्रोधी ने बौद्ध — धर्म अपनाया — 63 86. अशोक के भीतर का — इनसान जाग उठा — 160
38. बौद्ध भिक्षु और — विशाखा — 64 87. गौतम बुद्ध ने दी प्रेम में — संयम की सीख — 162
39. ज्ञान को सावधानी से — सुनना चाहिए — 65 88. गौतम बुद्ध ने दिया — एकता का संदेश — 163
40. बुद्ध ने संयम सिखाया — 66 89. जीवनहंता पराजित हुआ — जीवनदाता से — 165
41. सिद्धार्थ ने मौन का — महत्त्व समझाया — 67 90. दुनिया के अंत से — परमेश्वर का आरंभ — 167
42. बुद्ध का आत्म- — नियंत्रण — 68 91. बुद्ध ने दिखाया तथागत — होने का मार्ग — 168
43. सम्राट् अशोक — और बुद्ध — 70 92. गौतम बुद्ध का ज्ञान — 169
44. सदैव अपनी आँखें — खुली रखो — 71 93. बुद्ध ने बताया जीवन का — सही अर्थ — 170
45. बुद्ध की एकाग्रता — 72 94. भगवान् बुद्ध ने गाँववालों — को उपदेश दिया — 171
46. बुद्ध का भिक्षु और — वासवदंता — 74 95. बौद्ध-भिक्षुओं की — जिज्ञासा — 175

 

The Author

Bharat Lal Sharma

भरतलाल शर्मा ऋषियों के ज्ञान को सरल एवं सुबोध शब्दों में जन-जन में प्रसारित कर रहे हैं। वे स्वयं ईश्वरीय वातावरण में रहते हैं। भौतिक स्तर पर अब उनकी कोई कामना नहीं रह गई है। उनकी आवश्यकताएँ कम हैं। वे आत्म-संतुष्ट हैं और ईश्वरीय प्रेरणा पर ईश्वरीय ज्ञान को फैलाने में परम आनंद का अनुभव करते हैं। 
डॉ. शर्मा ने देश भर में भ्रमण करके अपने श्रोताओं को अपनी वाणी और ज्ञान से प्रभावित किया है। उन्होंने लंदन, हांगकांग, क्वालालमपुर, सिंगापुर आदि विदेशी महानगरों में भी आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को अपने उपदेशों से आनंदित एवं आलोकित किया है। उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनका सर्वत्र स्वागत हुआ है।

 

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