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Mahatma Gandhi ki Jharkhand Yatra   

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Author Anuj Kumar Sinha
Features
  • ISBN : 9789353223199
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
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  • Kindle Store

More Information

  • Anuj Kumar Sinha
  • 9789353223199
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2019
  • 160
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

यह संयोग है कि पिछले तीन साल से यानी 2016 से 2019 के बीच गांधीजी की चर्चा और बढ़ी है। 2016 में चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष की शुरुआत हुई, 2017 में सत्याग्रह शताब्दी वर्ष पर आयोजनों का सिलसिला चला। 2018 में गांधीजी के 150वें जयंती वर्ष की शुरुआत हुई है। अक्तूबर 2018 से अक्तूबर 2019 तक पूरी दुनिया में गांधीजी को केंद्र में रखकर विविध आयोजन होने हैं, हो रहे हैं। इस क्रम में गांधीजी के विविध आयामों से जुड़ी पुस्तकों को, दस्तावेजों को देखने की कोशिश की—खरीदकर, लाइब्रेरी से फोटोकॉपी करवाकर। साथियों-प्राध्यापकों-शोधार्थियों-पत्रकारों-विद्वज्जनों के सहयोग से। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष पर बिहार को केंद्र में रखकर भी कई नई पुस्तकें आईं। प्रायः अधिसंख्य पुस्तकों को देखने का मौका मिला, लेकिन एक बात खटकती रही कि देश-दुनिया में गांधीजी पर इतनी बातें हो रही हैं, उनकी गतिविधियों से जुड़े छोटे-छोटे दस्तावेज भी बड़े रूप में, बड़े फलक पर सामने आ रहे हैं, पर गांधीजी के उन दिनों के दक्षिण बिहार (अब झारखंड) की यात्राओं का अध्याय क्यों छूटता जा रहा या नहीं आ पा रहा, जबकि चंपारण सत्याग्रह आंदोलन को एक आकार देने में दक्षिण बिहार, यानी अब का झारखंड एक अहम केंद्र की तरह था।
इस किताब में अनुज सिन्हा ने एक अहम इतिहास का दस्तावेजीकरण किया है। इतिहास जानना इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि भविष्य के सपनों या भविष्य की भव्य इमारत इतिहास की पुख्ता नींव पर ही खड़ी हो सकती है। इस दृष्टि से यह उल्लेखनीय काम है।

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अनुक्रम

भूमिका : प्रेरक दस्तावेज —Pgs. 7

प्रस्तावना —Pgs. 17

1. सर एडवर्ड से बात करने राँची आए थे गांधीजी —Pgs. 23

2. रामगढ़ अधिवेशन : गांधीजी का जोरदार भाषण —Pgs. 53

3. जमशेदपुर : गांधीजी ने कराया था समझौता —Pgs. 77

4. हजारीबाग : संत कोलंबा में छात्रों के बीच भाषण —Pgs. 95

5. गिरिडीह : गौशाला की अर्थव्यवस्था समझाई थी —Pgs. 104

6. देवघर : गांधीजी की कार पर हमला  —Pgs. 110

7. खूँटी में मुंडाओं से बात की थी गांधीजी ने —Pgs. 120

8. चक्रधरपुर में राष्ट्रीय विद्यालय में गए थे गांधीजी —Pgs. 122

9. चाईबासा मंडी में सभा की थी गांधीजी ने —Pgs. 124

10. कतरास : कोई पेशा छोटा नहीं होता —Pgs. 127

11. मधुपुर : छात्र कम हैं, शिक्षक निराश न हों —Pgs. 132

12. पलामू : चारों कोना में जाकर दिया था भाषण —Pgs. 135

13. गोमिया : संतालों की सभा में दिया था भाषण —Pgs. 140

14. झरिया में हिंदी में मानपत्र देखकर खुश हो गए थे —Pgs. 145

15. धनबाद : खद्दर पहनें, रोजगार बढ़ेगा —Pgs. 153

संदर्भ सूची —Pgs. 158

The Author

Anuj Kumar Sinha

झारखंड के चाईबासा में जन्म। लगभग 35 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। आरंभिक शिक्षा हजारीबाग के हिंदू हाई स्कूल से। संत कोलंबा कॉलेज, हजारीबाग से गणित (ऑनर्स) में स्नातक। राँची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की। जेवियर समाज सेवा संस्थान (एक्स.आइ.एस.एस.) राँची से ग्रामीण विकास में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया। 1987 में राँची प्रभात खबर में उप-संपादक के रूप में योगदान। 1995 में जमशेदपुर से प्रभात खबर के प्रकाशन आरंभ होने पर पहले स्थानीय संपादक बने। 15 साल तक लगातार जमशेदपुर में प्रभात खबर में स्थानीय संपादक रहने का अनुभव। 2010 में वरिष्ठ संपादक (झारखंड) के पद पर राँची में योगदान। वर्तमान में प्रभात खबर में कार्यकारी संपादक के पद पर कार्यरत। स्कूल के दिनों से ही देश की विभिन्न विज्ञान पत्रिकाओं में लेखों का प्रकाशन। झारखंड आंदोलन या फिर झारखंड क्षेत्र से जुड़े मुद्दे और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन लेखन के प्रमुख विषय। कई पुस्तकें प्रकाशित। प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तकें—‘प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी’, ‘झारखंड आंदोलन का दस्तावेज : शोषण, संघर्ष और शहादत’, ‘बरगद बाबा का दर्द’, ‘अनसंग हीरोज ऑफ झारखंड’, ‘झारखंड : राजनीति और हालात’, ‘महात्मा गांधी की झारखंड यात्रा’ एवं ‘झारखंड के आदिवासी : पहचान का संकट’।
पुरस्कार : शंकर नियोगी पुरस्कार, झारखंड रत्न, सारस्वत हीरक सम्मान, हौसाआइ बंडू आठवले पुरस्कार आदि।

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