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Mahatma Gandhi Sahityakaron Ki Drishti Mein   

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Author Aarsu
Features
  • ISBN : 9788177212501
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Aarsu
  • 9788177212501
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2018
  • 208
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

इतिहासकार, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक, आध्यात्मिक आचार्य तथा समाज-शास्त्रियों ने गांधीजी का मूल्यांकन अपने-अपने ढंग से किया है। भले ही गांधीजी कारयित्री प्रतिभा के उज्ज्वल साहित्यकार नहीं थे, तथापि उस श्रेणी के कई श्रेष्ठ साहित्यकारों ने गांधीजी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला है। समकालीन साहित्यकारों ने एक युगस्रष्टा के रूप में उन्हें अंगीकार किया था। टैगोर ने उन्हें ‘महात्मा’ पुकारा था। गांधीजी ने टैगोर को ‘गुरुदेव’ माना था। वह लेखक-राजनीतिज्ञ के परस्पर आदर का युग था।

राष्ट्रीय आंदोलन के युग के हिंदी साहित्यकारों की गांधी-स्मृतियाँ इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं। वह समता-ममता का युग था। आदर्श का आलोक उस युग के साहित्य की खूबी थी। कई साहित्यकार गांधीजी के संपर्क में आ सके थे। इसलिए उनकी रचनाओं में युग बोल उठा था। वे मानवीय मूल्यों के संरक्षक बन सके थे। कई प्रकार के फूल इधर-उधर बिखरे पड़े हों तो उनका महत्व हम समझ नहीं पाएँगे। एक साधक आकर एक धागे में उन फूलों को कलात्मक ढंग से पिरो देता है तो हमें एक माला मिलती है। यह पुस्तक 20वीं सदी के कई महान् साहित्यकारों की गांधी-स्मृतियों का पुष्पहार बन गई है।

विश्व भर के शांति प्रेमी आज आशान्वित होकर गांधी-मार्ग की ओर देख रहे हैं। इसलिए उनके बारे में नई पीढ़ी को अनूठी सामग्रियों की जरूरत है! आशा है, यह पुस्तक सबके लिए एक प्रकाश-स्तंभ बनेगी।

The Author

Aarsu

जन्म : 1950, कालिकट (केरल)।

शिक्षा : हिंदी में उच्च शिक्षा कालिकट विश्वविद्यालय, केरल से। ‘स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास पर विदेशी संस्कृति और चिंतन का प्रभाव’ विषय पर शोध। पत्रकारिता और अनुवाद में डिप्लोमा, 1977 से 2011 तक हिंदी अध्यापन, कालिकट विश्वविद्यालय में आचार्य और अध्यक्ष।

रचना-संसार : ‘साहित्यानुवाद : संवाद और संवेदना’, ‘स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास’, ‘मलयालम साहित्य : परख और पहचान’, ‘भारतीय भाषाओं के पुरस्कृत साहित्यकार’, ‘अनुवाद : अनुभव और अवदान’, ‘मलयालम के महान् कथाकार’, ‘हिंदी साहित्य : सरोकार और साक्षात्कार’, ‘केरल : कला, साहित्य और संस्कृति’, ‘भारतीय साहित्य : ऊर्जा और उन्मेष’, ‘एक अनुवादक का अलबम’, ‘हिंदी का मैदान विशाल है’ सहित हिंदी और मलयालम में 50 कृतियाँ प्रकाशित। दस हिंदी पत्रिकाओं के मलयालम विशेषांकों के अतिथि संपादक।

सम्मान-पुरस्कार : भारत सरकार, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि प्रदेशों की अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं के राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित। जापान के चार विश्वविद्यालयों में भारतीय साहित्य पर व्याख्यान (2002), विश्वभारती हिंदी पुरस्कार।

संप्रति : हिंदी विभाग, केंद्रीय विश्व-विद्यालय केरल में सेवारत।

संपर्क : साकेत, पोस्ट-चेलेम्ब्रा, जिला- मलपुरम, केरल-673634. दूरभाष : 0494-2402021, 09847762021

इ-मेल : arsusaketh@yahoo.com

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